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GNCDT बिल दिल्ली के लोगों पर सीधा हमला, भारतीय न्यायपालिका का अपमान है: राघव चड्ढा

राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा, संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करने वाले सभी सांसद GNCDT बिल के खिलाफ वोट करेंगे

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Mohit Saxena
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Raghav Chadha

Raghav Chadha( Photo Credit : social media )

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केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 (GNCTD) की निंदा की है. उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक व अवैध विधायी कार्यों का प्रतीक बताया है. उन्होंने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के लोगों पर सीधे तौर पर हमला है. यह भारतीय न्यायपालिका के अपमान के समान है और देश की संघीय व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है. चड्ढा ने चिंता जताते हुए कहा कि लोगों के लिए केंद्र सरकार का अंतर्निहित संदेश यह है कि यदि वे गैर-भाजपा सरकार को चुनते हैं तो इसे सुचारू रूप से काम करने की इजाजत नहीं मिल पाएगी.

उन्होंने कहा कि यह बिल दिल्ली के दो करोड़ लोगों द्वारा अरविंद केजरीवाल को मिले बहुमत और ​मिले जनादेश को कमजोर करता है. यह अध्यादेश दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का भी विरोधाभास है. इस पर निर्देश दिया था कि नौकरशाही से जुड़ीं सभी शक्तियां दिल्ली सरकार के पास होनी चाहिए. केंद्र सरकार ने महज आठ दिनों के अंदर इस निर्णय को पलट डाला. इसके बाद न्यायपालिका के फैसले को चुनौती देने के लिए अध्यादेश लेकर आ गई.

अध्यादेश के खिलाफ एकजुट होने की अपील की 

आप सांसद का कहना है कि ये घातक है. उन्होंने कहा कि ऐसा अध्यादेश भारतीय संविधान को खतरे में डाल सकता है. ये लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर कर सकता है. चड्ढा ने दिल्ली सरकार को निशाना बनाने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की. राघव चड्ढा ने संविधान और लोकतंत्र को सर्वोच्च सम्मान देने वाले सभी सांसदों से इस अध्यादेश के खिलाफ एकजुट होने और संसद के दोनों सदनों में इसके खिलाफ मतदान की अपील की है. 

65 सांसदो ने मणिपुर पर चर्चा का नोटिस दिया

राज्यसभा के 65 सांसदो ने मणिपुर पर चर्चा का नोटिस दिया है. एक लंबी विस्तार से चर्चा संसद के भीतर मणिपुर पर हो. अगर सत्ता पक्ष यह चाहता है कि मणिपुर पर चर्चा हो तो 65 नोटिस में से किसी एक नोटिस पर भी स्वीकृति दे दीजिए और चर्चा आरंभ हो जाएगी. केवल सदन में यह चिल्लाने से कि हम चर्चा चाहते हैं, ऐसे नहीं चलेगा. देश के इतिहास में पहली बार राज्यसभा के 65 सांसदो ने 267 का नोटिस दर्ज कर कहा हमारा बॉर्डर स्टेट मणिपुर जल रहा है और मणिपुर के विषय में चर्चा हो. मगर सरकार इस पर चर्चा नहीं चाहती है. मानसून का सत्र 20 जुलाई 2023 को आरंभ हुआ था. आज 31 जुलाई  2023 है. 

मणिपुर के विषय पर चर्चा हो

राज्यसभा सांसद और आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने आज 11 दिन हो गए सत्र शुरू होने को. इन 11 दिनों में अगर सरकार एक दिन भी मणिपुर पर चर्चा करवा लेती तो बाकी के वर्किंग डेज बच जाते. हम चेयरमैन जी से हाथ जोड़कर विनती करना चाहेंगे कि मणिपुर के विषय पर चर्चा हो. जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉक्टर मनमोहन सिंह तक तमाम प्रधानमंत्री सदन के भीतर आए और अपना वक्तव्य दिया है. इसलिए हम चाहेंगे कि पीएम भी पार्लियामेंट में आएं और दोनों में से जो भी सदन उन्हें पसंद है, उस में से किसी में एक मेंआकर मणिपुर पर अपनी बात रखें सरकार इस मुद्दे पर क्या करने जा रही है, इस विषय पर पूरे देश को बताएं.

Source : News Nation Bureau

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