दिल्ली की हवा बिगड़ती चली जा रही है. हर रोज AQI बद से बदतर हो रहा है. लगातार हवाओं में घुलता जहर लोगों को मास्क लगाने पर मजबूर कर रहा है, बावजूद इसके दिल्लीवालों को दम घुट रहा है. अभी सर्दी ठीक तरह से आई भी नहीं कि, पहले प्रदूषण की दस्तक ने सबको हताश कर दिया है. ऐसे में लगों के जहन में कई सवाल है कि, आखिर कैसे इस बेतहाशा प्रदूषण से बचा जाए, इन हालातों में अच्छे स्वास्थ्य के लिए किन चीजों का सेवन किया जाए और साफ हवा के लिए किन-किन अपकरणों का उपयोग किया जाए, मगर सबसे जरूरी सवाल है कि आखिर हर साल क्यों दिल्ली बन जाती है 'जहरीली राजधानी'...
दिल्ली की सड़कों पर अभी से ही कोरोना वाला माहौल है, यानि हर कोई मास्क में नजर आने लगा है. लोग हर संभव प्रयास में है कि कैसे इससे खुद का बचाव करें, बावजूद इसके लगातार दिल्ली-एनसीआर में कई इलाकों का AQI 400 के ऊपर पहुंच रहा है. हालांकि ये स्थिति अभी दिवाली के बाद और भी ज्यादा बिगड़ सकती है.
भले ही अभी के माहौल में हम दिवाली के पटाखों पर इसका आरोप मढ़ दें, मगर दिल्ली में हर रोज चलने वाले वाहन, हर बार जलने वाली पराली और धुएं के साथ-साथ अन्य तरह के व्यवसाय की वजह से दिल्ली की हवा में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा में इजाफा हो रहा है. चलिए दिल्ली-एनसीआर में बढ़ने वाले प्रदूषण के पीछे, इसकी मुख्य वजहों को विस्तार से समझें...
1. तापमान का बदलना:
तापमान के बदलाव के चलते प्रदूषण बढ़ जाता है, जिसकी वजह से ठंडी हवा के ऊपर गर्म हवा की परत बन जाती है, जिससे प्रदूषणकारी तत्व सतह पर जमा होने लगते हैं. इसके पीछे पराली, वाहन प्रदूषण सहित तमाम वजहे हैं.
2. हवा की दिशा:
दिल्ली में हवा की दिशा, गति और नमी इन तीनों फैक्टर की वजह से प्रदूषण का स्तर लगातार काफी बढ़ गया है. यही वो तीन मुख्य कारण हैं, जिनकी वजह से दिल्ली की हवाओं में हर रोज जहर घुल रहा है. असल में मानसून बीत जाने के बाद, सर्दियों से पूर्व हरियाणा-पंजाब की ओर से दिल्ली की तरफ हवाएं चलना शुरू हो जाती है, जिस वजह से यहां प्रदूषण जमा होने लगता है.
3. पंजाब-हरियाणा में पराली जलाना:
पंजाब-हरियाणा में पिछली फसलों के बचे हुए हिस्से जिसे पराली कहते हैं, उन्हें जलाया जाता है, इस वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण पसरता है.
Source : News Nation Bureau