देश की राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है. प्रदूषण स्तर पिक पर पहुंच चुका है. लोगों को घरों से निकलने दूभर हो रहा है. दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए कई मोर्चे पर काम कर रही है. इसमें सर्दी के दौरान होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 15 बिंदु विंटर एक्शन प्लान का ऐलान किया है. इसी कड़ी में गुरुवार से रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ अभियान का आगाज किया गया. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आईटीओ चौराहे से इस अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने लोगों से इस अभियान में सहयोग करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो प्रदूषण बढ़ता है उसमें बायोमास वर्निग और डस्ट से होने वाले प्रदूषण के साथ-साथ वाहनों से होने वाले प्रदूषण का भी योगदान होता है. इसी को देखते हुए 'रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ कैंपेन शुरू किया गया है. मंत्री राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के विरूद्ध ग्रीन वॉर रूम शुरू किया है, धूल प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए एंटी डस्ट कैम्पेन चल रहा है और पराली गलाने के लिए 5 हजार एकड़ में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव करवाया जा रहा है. इसी के साथ-साथ अब 'रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ" कैम्पेन की शुरुआत की जा रही है.
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में चलेगा अभियान
मंत्री गोपाल राय ने पैट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान का लोग पूरी तरह पालन करते हैं, तो दिल्ली के अंदर 15 से 20 फीसदी तक वाहन प्रदूषण कम हो सकता है. क्योंकि कोई भी शख्स अपने घर से दफ्तर या मार्केट में निकलता है तो उसे हर चौराहों पर 60 से 120 सेंकड्स रुकना पड़ता है. ऐसे में कार चालक 8 से 10 रेड लाइट पर रुकना होता है. अगर इन जगहों पर गाड़ी को बंद कर दिया जाए तो हम 20 फीसदी तक वाहन से होने वाले प्रदूषण को कम कर सकते हैं. मंत्री गोपाल राय ने कहा कि रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ अभियान पूरी दिल्ली में चलाया जा रहा है. 28 अक्टूबर को बाराखंभा और 30 अक्टूबर को चंदगी राम अखाड़ा चौराहे पर “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान चलाया जाएगाय 2 नवंबर को सभी 70 विधान सभा क्षेत्रों में “रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान चलेगा. उन्होंने बताया कि 3 नवंबर को 2000 इको क्लब के माध्यम से रेड लाईट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को लेकर स्कूलों में बच्चों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
कई रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 2020 में इस अभियान को शुरू किया था. इसका आधार देश के अलग-अलग हिस्से में किए गए अध्ययन को बनाया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, औद्योगिक अनुसंधान परिषद एवं केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से 2019 में एक अध्ययन किया गया था, जिसके अनुसार रेडलाइट पर गाड़ियों के इंजन बंद नहीं होने से 9 प्रतिशत अधिक प्रदूषण फैलता है. उन्होंने कहा कि इस अभियान में पर्यावरण मित्र ,आर. डब्लू.ए., इको क्लब और पर्यावरण से संबंधित लोगों को भी जोड़ा गया है. यह अभियान दिल्ली के नागरिकों का है. सरकार प्रदूषण को दूर करने के लिए अपने प्रयास तो कर ही रही है, इसमें लोगों की जनभागीदारी भी अत्यंत आवश्यक है.
Source : News Nation Bureau