Samvidhan Divas (constitution day 2019): भारतीय संसद ने संविधान में 70 साल के दौरान 103 बार संशोधन किए और इसमें केवल एक संशोधन को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक घोषित किया. पहला और अंतिम, दोनों संविधान संशोधन सामाजिक न्याय से संबंधित थे. राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 के दिन भारत के संविधान को अंगीकृत किया था, जिसे हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल संविधान को अंगीकृत किए जाने की 70वीं वर्षगाठ है.
और पढ़ें: Samvidhan Divas: कल ही के दिन भारत ने अपनाया था संविधान, जानें क्या है खास
संविधान दिवस के अवसर पर मंगलवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वैकेंया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों तथा आमंत्रित लोगों को संबोधित करेंगे. राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी ब्यौरे के मुताबिक संविधान में पहला संशोधन 1951 में अस्थायी संसद ने पारित किया था. उस समय राज्यसभा नहीं थी. इसके बाद से अब तक 103 संशोधन किए जा चुके हैं.
राज्य सभा सचिवालय ने बताया कि पहले संशोधन के तहत 'राज्यों' को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों या अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्थान के लिए सकारात्मक कदम उठाने का अधिकार दिया गया था. संविधान में किया गया अंतिम 103वां संशोधन 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को शैक्षणिक संस्थानों और नियुक्तियों में 10 फीसदी आरक्षण देने से संबंधित था.
विज्ञप्ति के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने केवल 99वें संविधान संशोधन को असंवैधानिक करार दिया है. यह संशोधन राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन के संबंध में था. राज्यसभा, जिसका गठन 1952 में हुआ, उसके बाद से उच्च सदन ने 107 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए हैं. इनमें से सिर्फ एक विधेयक को लोकसभा ने अमान्य किया, जबकि चार संविधान संशोधन विधेयक निचले सदन के भंग होने की वजह से निष्प्रभावी हो गए.
राज्यसभा ने 1990 में पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी विधेयक पारित किया था, जिसे लोकसभा ने अमान्य कर दिया था. विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि लोकसभा ने 106 संविधान संशोधन विधेयक पारित किए हैं, जिसमें से तीन विधेयकों को राज्यसभा ने अमान्य कर दिया था.
ये भी पढ़ें: Know Your Rights: इन परिस्थितियों में आपको नहीं गिरफ्तार कर सकती पुलिस, जानें अपने अधिकार
इनमें 1970 में तत्कालीन देसी रियासतों के पूर्व शासकों के प्रिवी पर्स और विशेषाधिकार को खत्म करने वाला विधेयक तथा 1989 में पंचायतों और नगर निकायों एवं नगर पंचायतों में सीधा चुनाव कराने के लिए लाए गए दो विधेयक शामिल हैं.
इससे पहले वेंकैया नायडू ने राज्यसभा के प्रकाशन 'राज्यसभा : द जर्नी सिंस 1952' का विमोचन किया. संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाकर उसे अंगीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया.