केंद्र शासित रेलवे विभाग द्वारा दिल्ली में कई जगहों पर वर्षों से बसी झुग्गियों को गैरकानूनी तरीके से तोड़ने का काम किया जा रहा है. इसी क्रम में रेलवे विभाग ने दो दिन पहले भी दिल्ली की अलग-अलग इलाकों में बसी कई झुग्गी बस्तियों में उन झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस लगा दिया था. जैसे ही मामले की जानकारी दिल्ली सरकार को मिली, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिल्ली सरकार का DUS.B विभाग इस मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंचा, जहां माननीय न्यायाधीश ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए इस बात को माना कि झुग्गियों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ा जा रहा है और रेलवे विभाग द्वारा झुग्गियों को तोड़ने के लिए जारी किए गए नोटिस पर स्टे लगा दिया. ये बातें दिल्ली सरकार में मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कही.
एजेंसियों ने दिल्ली में स्थित कई झुग्गी बस्तियों को तोड़ दिया
आप नेता ने कहा कि बीते वर्ष भी इसी प्रकार से केंद्र शासित अलग-अलग एजेंसियों ने दिल्ली में स्थित कई झुग्गी बस्तियों को तोड़ दिया था और लाखों लोगों को एक साथ घर से बेघर कर सड़क पर रहने के लिए मजबूर कर दिया था. हाई कोर्ट द्वारा रेलवे विभाग के नोटिस पर स्टे लगा देने के आदेश के बाद शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज सरोजिनी नगर के समीप स्थित फ्लाइंग क्लब जेजे कैंप पहुंचे और झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोगों से मुलाकात कर उन्हें कोर्ट द्वारा रेलवे विभाग की नोटिस पर लगाए गए स्टे की जानकारी दी. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार का यह कानून है कि दिल्ली में जहां कहीं भी झुग्गी बस्तियां हैं, उन झुग्गी बस्तियों को तोड़ने से पहले उन लोगों को रहने का पक्का मकान दिया जाएगा और कानून के अनुसार जो भी एजेंसी झुग्गियों को तोड़ेगी. उस एजेंसी की यह जिम्मेदारी होगी कि पहले उन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को वहीं कहीं आसपास के क्षेत्र में पक्के मकान बना कर दे, उसके बाद ही उन झुग्गियों को तोड़ा जाएगा.
रेलवे विभाग गैर कानूनी तरीके से बार-बार इन झुग्गी बस्तियों को तोड़ने की कोशिश
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केंद्र शासित रेलवे विभाग द्वारा दिल्ली में कई जगहों जैसे फ्लाइंग क्लब जेजे कैम्प, दिल्ली कैंट झुग्गी बस्ती, लोहा मंडी झुग्गी बस्ती, राजीव गांधी कैंप, बुद्ध नगर एवं इन्द्रपुरी झुग्गी बस्ती आदि में इस प्रकार के नोटिस झुग्गी बस्तियों में चिपकाए गए थे, जबकि यह झुग्गी बस्तियां DUS.B विभाग में लिस्टेड झुग्गी बस्तियों में आती हैं . उसके बावजूद भी केंद्र शासित रेलवे विभाग गैर कानूनी तरीके से बार-बार इन झुग्गी बस्तियों को तोड़ने की कोशिश करता रहा है. उन्होंने बताया कि आज हाईकोर्ट द्वारा ऐसी ही छह अलग अलग की झुग्गियां को तोड़े जाने के नोटिस पर स्टे लगा दिया गया है.
ओखला फोर्ट के पास बसी झुग्गी बस्तियों में ही लगभग दो से ढाई लाख लोग रहते थे
दिल्ली मंत्री ने कहा कि बीते वर्ष भी दिल्ली में विभिन्न जगहों पर केंद्र शासित भिन्न-भिन्न एजेंसियों जैसे रेलवे विभाग, डीडीए, एलएनडीओ आदि के द्वारा कई वर्षों से बसी झुग्गी बस्तियों को गैर कानूनी तरीके से तोड़ दिया गया था, जिसमें मुख्य रूप से ओखला फोर्ट के पास बसी झुग्गी बस्ती, सुंदर नर्सरी झुग्गी बस्ती एवं गोशिया कालोनी झुग्गी बस्ती तथा अन्य कई बस्तियां शामिल हैं . इन बस्तियों में अकेले ओखला फोर्ट के पास बसी झुग्गी बस्तियों में ही लगभग दो से ढाई लाख लोग रहते थे. एक साथ लाखों लोगों जिनमें बच्चे, बूढ़े, औरतें सभी शामिल थे, घर से बेघर कर सड़कों पर रहने को मजबूर कर दिया गया था.
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HIGHLIGHTS
- जिन बस्तियों में रेलवे विभाग ने नोटिस लगाया उन सभी का नाम DUS.B की लिस्टेड बस्तियों में शामिल है : सौरभ भारद्वाज
- पिछले साल भी केंद्र सरकार में गैर कानूनी तरीके से दिल्ली में लाखों लोगों के घरों को उजाड़ दिया था : सौरभ भारद्वाज
- दिल्ली सरकार का कानून है कि पहले झुग्गी वालों को पक्का मकान दिया जाएगा फिर झुग्गी तोड़ी जाएगी : सौरभ भारद्वाज
Source : News Nation Bureau