दिल्ली वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 476 के साथ फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. वहीं शुक्रवार तक इससे बहुत अधिक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. एक्यूआई में पीएम10 की संख्या 489 और पीएम2.5 की संख्या 326 के साथ खतरनाक श्रेणी में है. दिल्ली में दिनों-दिन जहरीली होती हवा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सरकार पर कड़ा रुख अपनाते हुए हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी खोजने को कहा है. जिससे दम घोंटू हो रही वायु प्रदूषण के स्तर के असर को कम करने के लिए कोई समाधान निकाला जा सके.
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प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जापान की इस टेक्नोलॉजी को अपनाकर प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है. वहीं एससी ने इस मामले में केंद्र सरकार से 3 दिसंबर तक जवाब मांगा है.
राजधानी में प्रदूषण को कम करने में असफल रही सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, 'नई दिल्ली समेत उत्तरी भारत के अन्य हिस्सों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ चुका है कि लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. ऐसे में केंद्र सरकार देखें कि क्या पेट्रोल के बजाय हाइड्रोजन आधारित फ्यूल टेक्नोलॉजी एक समाधान के रूप में कारगर साबित हो सकती है.'
प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने कहा, 'प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए सरकार ने थोड़े-बहुत निर्णायक प्रयास किए हैं, लेकिन अब समस्या के समाधान के लिए कुछ बड़े उपाय तलाशने होंगे. पूरा उत्तरी भारत... एनसीआर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है.'
वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ऑड-ईवन नियम को बढ़ाया जा सकता है. बता दें कि अभी दिल्ली में 15 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू है.