दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अाप कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने तिवारी से एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है. मनोज तिवारी ने बीते 16 सितंबर को उत्तर पूर्वी दिल्ली के ही गोकुलपुर गांव के एक मकान की सीलिंग तोड़ी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बनाई मॉनिटरिंग कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में इस बात की शिकायत की थी. इसी आधार पर उनको कोर्ट में तलब किया गया था.
लिस्ट सौंपे तो बना देंगे सीलिंग अफसर
सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी से कहा कि हमने आपके भाषण की सीडी देखी है. आपने कहा कि 1000 जगह सीलिंग होनी है और आप बताइए ये कौन सी जगह हैं. हम आपको सीलिंग अफसर नियुक्त कर देंगे. कोर्ट ने कहा कि आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते. इस दौरान मनोज तिवारी कोर्ट में उपस्थित रहे और उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का मिसयूज हो रहा है जो जगह सील हुई वो डेयरी थी.
एक हफ्ते में दाखिल करें जबाव
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिवारी सीडी देखें और एक हफ्ते में हलफनामा दाखिर कर जवाब दें. सुप्रीम कोर्ट ने 3 अकटूबर को दोबारा पेश होने के लिए कहा है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए मंगलवार 25 सितंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
मिस यूज का लगाया आरोप
वहीं, मनोज तिवारी का तर्क है कि वह सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे कि सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी की आड़ में एमसीडी के अधिकारी पिक एंड चूज़ कर रहे हैं और दिल्ली की जनता को परेशान कर रहे हैं. एक चुने हुए जनप्रतिनिधि और सांसद होने के नाते उनका यह कर्तव्य है कि वह कानून की रक्षा करें. इसके अलावा, 16 सितंबर सीलिंग तोड़ने के मुद्दे पर मनोज तिवारी का कहना था कि जिस मकान की सीलिंग उन्होंने तोड़ी उसमें सीलिंग लगाना सही नहीं थी.
Source : PTI