सुप्रीम कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में सीलिंग को लेकर बड़ी व्यवस्था दी है. कोर्ट ने कहा है कि गैरकानूनी और अवैध निर्माण की सीलिंग के लिए अग्रिम नोटिस देने की कोई जरुरत नहीं होनी चाहिए. कोर्ट ने इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार का भी पक्ष जानना चाहा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 48 घंटे में उसकी राय मांगी है.
बता दें की सीलिंग को लेकर दिल्ली के व्यापारियों में भारी आक्रोश है, वहीं राजनीतिक दल भी इसे लेकर अपनी रोटी सेंक रहे हैं. इन सबसे अलग सुप्रीम कोर्ट लगातार अपने सख्त रुख पर कायम है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ओर से प्रस्तावित मास्टर प्लान-2021 में सुप्रीम कोर्ट ने संभावित संशोधन पर रोक लगा दी है, जिसके बाद दिल्ली के व्यापारियों की सीलिंग से राहत मिलने की संभावना लगभग खत्म होती नजर आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि डीडीए को मनमानी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने 9 फरवरी को डीडीए से हलफनामा दाखिल करने को कहा था कि मास्टर प्लान में संशोधन की जरूरत क्यों है और क्या इससे पहले पर्यावरण को लेकर कोई स्टडी की गई, लेकिन डीडीए की ओर से कोई भी जवाब न देने पर सर्वोच्च न्यायालय ने फटकार लगाई।
Source : News Nation Bureau