दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि शीला दीक्षित ने अपने निधन से 12 दिन पहले सोनिया गांधी को एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने कहा था कि अजय माकन के इशारे पर कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको कुछ ऐसे कदम उठा रहे हैं जो पार्टी के लिए ठीक नहीं है.
शीला दीक्षित ने इस पत्र में कहा है कि इस मामले पर जांच करवाई जा सकती है. इस चिट्ठी में शीला दीक्षित ने ये भी कहा था कि लोकसभा चुनावों में दिल्ली में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही जबकि ये लोग गठबंधन के पक्ष में हवा बनाने में जुटे थे.
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खबरों की मानें तो शीला दीक्षित ने 18 जुलाई को खुद सोनिया गांधी को ये पत्र दिया था और 19 जुलाई को उन्होंने अहमद पटेल से भी मुलाकात की थी.
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बता दें, कई मुद्दों पर चाको के दीक्षित के साथ मतभेद रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच इस सप्ताह दरारें तब और गहरी होती प्रतीत हुई थीं जब बुधवार चाको ने कहा था कि दीक्षित का ‘स्वास्थ्य ठीक नहीं है’ इसलिए उन्होंने तीन कार्यकारी अध्यक्षों को जिला एवं ब्लॉक समिति प्रमुखों की बैठकें आयोजित करने तथा निर्णय लेने के लिये अधिकृत किया है. इसे दोनों के बीच गहराते मतभेदों के बीच उनकी (दीक्षित की) शक्तियों को कम करने के प्रयास के तौर पर देखा गया था.