कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (sonia gandhi) ने 21 दिनों के बंद के फैसले को लेकर सरकार के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि ''न्यूनतम आय गारंटी योजना'' (न्याय) लागू करके आजीविका के संकट का सामना कर रहे मजदूरों एवं गरीबों के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाए और वेतनभोगी वर्ग, किसानों एवं छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं.
प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस (coronavirus) के कारण पैदा हुए इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है. उधर, केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण तथा इसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिये बृहस्पतिवार को आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किए कई ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश पैकेज के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण में लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों, चिकित्सा सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जायेगा, 80 करोड़ परिवारों को अतिरिक्त राशन उपलब्ध कराया जाएगा तथा महिलाओं, विधवाओं और बुजुर्गों को वित्तीय सहायता दी जायेगी. कुछ अन्य घोषणाएं भी की गई हैं.
कोरोना के साथ संघर्ष में हम साथ-साथ, बोलीं सोनिया
सोनिया ने मोदी को लिखे पत्र में कहा, 'कोरोना वायरस की महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश संगठित होकर एक साथ खड़ा है.'
उन्होंने कहा, 'कोराना वायरस से लड़ने के लिए आपकी सरकार द्वारा घोषित ‘21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन’ का हम समर्थन करते हैं. मैं विश्वास दिलाती हूं कि इस महामारी को रोकने के लिए उठाए गए हर कदम में हम सरकार को अपना पूरा सहयोग देंगे.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आग्रह किया कि कोरोना से लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क एवं दूसरे सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं . उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों से कोविड-19 के इलाज वाले निर्धारित अस्पतालों एवं उनके पते, वहां पर बेड्स की संख्या, आईसोलेशन चैंबर्स, वेंटिलेटर्स, समर्पित मेडिकल टीम्स, मेडिकल सप्लाई आदि के बारे में अनश्चितता है. ऐसा जानकारी न उपलब्ध होने के कारण हो रहा है. हर निर्धारित अस्पताल का पता और उनके इमरजेंसी फोन लाईन नंबर के साथ सभी आवश्यक जानकारी जनता से ज्यादा से ज्यादा साझा करना आवश्यक है, ताकि इस महामारी को नियंत्रित करने में मदद मिल सके. यह जानकारी एवं अन्य आवश्यक जानकारियां देने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल होना चाहिए.’
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जहां सबसे ज्यादा महामारी फैलने के आसार हैं वहां अस्पताल बनाए जाएं
सोनिया ने कहा, ‘दुनिया में सबसे आधुनिक एवं विकसित हैल्थकेयर सिस्टम्स की व्यवस्था भी इस महामारी से पीड़ित मरीजों के ओवरलोड के कारण चरमरा रही है. इसलिए जिन स्थानों पर निकट भविष्य में इस महामारी के सबसे ज्यादा फैलने के आसार हों, वहां पर केंद्र सरकार को फौरन अस्थायी अस्पताल की सुविधाओं का निर्माण शुरू करना चाहिए, जिनमें बड़ी संख्या में आईसीयू एवं वैंटिलेटर हों.’
उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबों को राहत देने के लिए न्याय योजना लागू करके उनके खातों में सीधी आर्थिक मदद भेजी जाए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ को इस समय लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है. इस मुश्किल दौर में जिन गरीबों पर इस महामारी की सबसे ज्यादा आर्थिक मार पड़ने वाली है, उन्हें न्याय योजना से सबसे अधिक राहत मिलेगी.'
दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय ठीक एक साल पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को ‘न्याय’ का वादा किया था. इसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया था.
किसानों की की जाए मदद, बोलीं सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया के मुताबिक सरकार को हर ‘जनधन’ खाताधारक, ‘पीएम किसान योजना’ खाताधारक, सभी बुजुर्गों/विधवाओं/दिव्यांगजनों के पेंशन खातों, मनरेगा मजदूरों के खातों में एकमुश्त 7500 रु. डाला जाना चाहिए,जिससे वो 21 दिनों के लॉकडाउन की अवधि में अपना व परिवार का जीवन यापन कर सकें. सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, 'इस विपदा की घड़ी में किसानों के लोन व बकाया राशि की वसूली को छः महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं नए सिरे से तथा उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए.'
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उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा, 'केंद्र सरकार को हर सेक्टर के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट देनी अनिवार्य है.’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘ वेतनभोगी वर्ग के कर्मचारी भी इस बीमारी का प्रसार रोकने के लिए उठाए गए कड़े कदमों से पीड़ित हैं. केंद्र सरकार द्वारा उनकी ईएमआई को छः महीनों के लिए रोका जा सकता है. इस अवधि में बैंकों द्वारा लिया जा रहा ब्याज माफ किया जाना चाहिए. इसी प्रकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन से सभी लोन किश्तों को भी छः महीने के लिए रोका जाए.’
सोनिया ने कोरोना वायरस के संकट को लेकर प्रधानमंत्री को दूसरी बार पत्र लिखा है. उन्होंने पहले भी गरीबों, मजदूरों, किसानों और छूटे व्यापारियों को राहत देने और चिकित्साकर्मियों के लिए सभी उपकरण की उपलब्धता की मांग की थी.