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कोविड संकटः दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन को लेकर चल रही है विशेष सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट में आज रविवार के दिन भी कोविड 19 के हालात को लेकर विशेष सुनवाई चल रही है. केंद्र सरकार दिल्ली को उसके  हिस्से की 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन न मिलने की सूरत में अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी वाले आदेश में संसोधन चाहती है.

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Ravindra Singh
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Delhi High Court

दिल्ली उच्च न्यायालय( Photo Credit : फाइल )

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दिल्ली हाई कोर्ट में आज रविवार के दिन भी कोविड 19 के हालात को लेकर विशेष सुनवाई चल रही है. केंद्र सरकार दिल्ली को उसके  हिस्से की 490 मीट्रिक टन ऑक्सीजन न मिलने की सूरत में अवमानना की कार्रवाई की चेतावनी वाले आदेश में संसोधन चाहती है. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा शिक़ायत कर रहे है कि दिल्ली की कुल मांग (700 मैट्रिक टन) से 40 फीसदी से कम ऑक्सीजन मिल रही है,जबकि MP, महाराष्ट्र को उनकी मांग से ज़्यादा ऑक्सीजन केन्द्र सरकार ने आवंटित कर रखी है. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ऑक्सीजन सप्लाई के लिए टैंकरों का इंतजाम करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं ,थी लेकिन इसके बावजूद पिछले 1 हफ्ते में ही दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर 7 टैंकरों का इंतजाम कर लिया . लेकिन  क्या केंद्र सरकार अपने स्तर पर इससे बेहतर प्रयास नहीं कर सकती. 

कई हॉस्पिटल ने आज भी ऑक्सीजन की किल्लत का हवाला दिया. श्रीराम भारतीय हॉस्पिटल ने कहा -30 मिनट की ऑक्सीजन बची है. वेंकटेश्वरा हॉस्पिटल - 1 घण्टे की ऑक्सीजन बची है. ब्रेन एंड साइंस इंस्टीट्यूट- 40 मरीज हमारे पास है. 1 घन्टे की ऑक्सीजन बची है. कई हॉस्पिटल ने आज भी ऑक्सीजन की किल्लत का हवाला दिया. सीताराम भारतीया हॉस्पिटल ने कहा 30 मिनट की ऑक्सीजन बची है. वेंकटेश्वरा हॉस्पिटल - 1 घण्टे की ऑक्सीजन बची है. ब्रेन एंड साइंस इंस्टीट्यूट - 40 मरीज हमारे पास है. 1 घन्टे की ऑक्सीजन बची है. 

केन्द्र की ओर से SG तुषार मेहता  ने HC से दो मांग की
एसजी तुषार मेहता ने पहली मांग में डिमांड की है कि दिल्ली सरकार इसको ना देखे कि बाकी राज्यो को मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मांग के लिहाजा से  कम मिल रही है या ज़्यादा ( दरअसल दिल्ली की शिकायत रहती है कि उसे मांग से आधी भी नहीं मिलती, MP महाराष्ट्र को मांग से ज़्यादा मिल रही है) और दूसरी मांग ये की है कि कोर्ट ये तय न करे कि ऑक्सीजन टैंकर की व्यवस्था करना किसका दायित्व है केन्द्र का या राज्य का. तुषार मेहता का कहना था कि कोर्ट अगर इन सब पर ( केंद्र- राज्यों से जुड़े विषयों) पर विचार करने लग जायेगा तो कोरोना के खिलाफ हमारी  राष्ट्रव्यापी लड़ाई कमजोर पड़ेगी.

टैंकरों का मामला कोर्ट को तय करने दीजिएः दिल्ली सरकार
वहीं इस पर दिल्ली सरकार का कहना था कि टैकरों का मसला कोर्ट को तय करने दीजिए. कोर्ट ने फिलहाल विषय को अपने लिए ओपन रखा। कहा- एमिकस सुझाव दे सुझाव सभी वकीलों को दिए जाएं इसके आगे विचार करेंगे. केन्द्र की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि जो लोग विपदा की इस घड़ी में भी ऑक्सीजन सिलेंडर/ दवाइयों की कालाबाजारी में लगे है वो ये जान ले - भगवान उन्हें भले ही माफ कर दे, सरकार उन्हें माफ़ नहीं करेंगी. कोर्ट ने सरकार से कहा - सरकार सुनिश्चित करें दवाइयां/ उपकरण MRP से ज़्यादा  कीमत पर न बेचे जाए जो लोग जमाखोरी कालाबाजारी में लगे है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो, कोर्ट को उनकी जानकारी दी जाए, अवमानना का मुकदमा भी उन पर चलेगा. कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जिस पर  एम्बुलेंस, मेडिसिन की ओवर चार्जिंग, फर्जी दवाइयों, ऑक्सिजन सिलिंडर की शिकायत कर सकते है. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली पुलिस से कहा- इस हेल्पलाइन नंबर का प्रचार करें हेल्पलाइन नंबर है:- 011- 23469900

Source : News Nation Bureau

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