नोएडा के सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टॉवर को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दिया गया समय खत्म हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने इन ट्विन टॉवर को गिराने के लिए तीन महीने का समय दिया था. तय सीमा के तहत इन्हें 30 नवंबर तक गिराया जाना था. सुप्रीम कोर्ट के तय समय के आखिरी दिन सुपरटेक ने GENESIS इंजीनियरिंग और EDIFICE इंजीनियरिंग के नाम नोएडा प्राधिकरण को सौंपे हैं. इसके साथ ही बिल्डर ने प्राधिकरण से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बिल्डर को खुद इन टॉवर को गिराना था. इसके ऊपर आने वाला खर्च भी बिल्डर को ही वहन करना था. पूरे मामले की जानकारी नोएडा प्राधिकरण को देनी थी जिसे प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट दाखिल करता. अब नोएडा प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट को जल्द ही अपनी अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट सौंपेगा. प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि वह खुद से टॉवर को गिराने की समयसीमा नहीं बढ़ा सकता है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है. ऐसे में बिल्डर को कोर्ट से ही अतिरिक्त समय लेना होगा. दूसरी तरफ सुपरटेक इन टॉवरों को गिराने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगने के लिए अर्जी देगा.
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अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
सुपरटेक घपले में चार सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी के तत्कालीन सीईओ मोहिंदर सिंह व एसके द्विवेदी और एसीईओ आरपी अरोड़ा व पीएन बाथम को उच्चस्तरीय कमेटी पहले ही दोषी ठहरा चुकी है. अब औद्योगिक विकास विभाग सिविल सर्विसेज रूल्स के तहत इन पर कार्रवाई के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र लिख रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आईआईडीसी संजीव मित्तल की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी ने 4 आईएएस समेत 26 अफसरों की संलिप्तता बताई थी.
Source : News Nation Bureau