दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शनिवार शाम को राजधानी के कई बस स्टॉप का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पाया कि कई बस स्टॉप महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं हैं. वे पूर्वी दिल्ली में आयोग की सदस्य वंदना सिंह के साथ निरीक्षण करने पहुंची थीं. शाम 6:45 बजे रमेश पार्क बस स्टॉप के दौरे के दौरान आयोग यह देखकर दंग रह गया कि बस स्टॉप अंधेरे में डूबा हुआ है. सड़क के उस हिस्से पर स्ट्रीट लाइटें भी काम नहीं कर रही थीं. बस स्टॉप का पिछला इलाका सुनसान था.
इसके बाद आयोग ने रमेश पार्क बस स्टॉप से ललिता पार्क तक पुश्ता रोड का निरीक्षण किया. सड़क पर बिल्कुल अंधेरा था क्योंकि कोई भी स्ट्रीट लाइट काम नहीं कर रही थीं. यह देखा गया कि कई खंभों पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं थीं, जिससे सड़क पर अंधेरा था. आयोग ललिता पार्क बस स्टॉप पहुंचा. यहां भी बुरा हाल था. जब आयोग ने महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि सड़क और बस स्टॉप का पूरा हिस्सा कई माह से अंधेरे में है. ये उनके लिए बेहद असुरक्षित है.
खचाखच भरी बसों में यात्रा की
इस दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने लोगों के साथ खचाखच भरी बसों में यात्रा की. महिलाओं से उनकी सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की. जो महिलाएं बसों में ट्रैवल करती हैं, उनका कहना था कि वे सुनसान बस शेल्टरों पर अक्सर असुरक्षा महसूस करती हैं. दिल्ली महिला आयोग को राजधानी में बस स्टॉप पर अंधेरी जगहों से जुड़ी शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को नोटिस जारी कर मामले में रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अधिकारियों से बस स्टॉप और सड़कों पर अंधेरा होने का कारण के बारे में पूछा है. आयोग ने पीडब्ल्यूडी से इन लाइटों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और उनके खिलाफ की कार्रवाई का ब्योरा मांगकर जवाबदेही तय की है.
दिल्ली महिलाओं और लड़कियों के लिए असुरक्षित
आयोग ने इन बस स्टॉप और सड़कों पर अंधेरे स्थानों के संबंध में 1 जनवरी 2022 से मिली शिकायतों और उस पर की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है. आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए तत्काल कदमों के बारे में पूछा है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “निर्भया की भयावह घटना के 12 साल बाद भी, दिल्ली महिलाओं और लड़कियों के लिए असुरक्षित बनी हुई है. जिन बस स्टॉपों का मैंने निरीक्षण किया वे अक्षरधाम के बिल्कुल पास थे. यदि ऐसे केंद्रीय क्षेत्र में भी अंधेरा है, तो कोई केवल कल्पना ही कर सकता है कि बाहरी क्षेत्रों में क्या हो रहा होगा. मैंने पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी कर दिया है.' हम मामले पर सख्त कार्रवाई करेंगे.' सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस स्टॉप और सड़कों को महिलाओं और लड़कियों के लिए सुरक्षित बनाया जाए.”