दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने राष्ट्रपति को पत्र लिख उनसे निर्भया के क़ातिलों को जल्द फांसी दिलाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया तेज करने की अपील की है. इस पत्र में बताया गया है कि निर्भया के क़ातिल अदालत में क्यूरेटिव पिटीशन दाख़िल करने की योजना बना रहे हैं. आयोग की अध्यक्षा ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वह केंद्र सरकार को तुरंत एक अध्यादेश लाने के लिए निर्देश दें जिससे बलात्कार के मामलों में 3 महीने के अंदर ट्रायल पूरा हो और अगले तीन महीने में सभी अपील, पुनर्विचार याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन निपटाई जाएं. इससे 6 महीने के अंदर न्याय मिल सकेगा.
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अपने पत्र में आयोग अध्यक्षा ने लिखा कि दिल्ली विश्व मे रेप कैपिटल के नाम से बदनाम है. शहर में 8 महीने तक की छोटी बच्चियों के साथ निर्दयता से बलात्कार किया गया. एनसीआरबी के डाटा का हवाला देते हुए आयोग की अध्यक्षा ने लिखा कि दिल्ली में हर दिन औसतन 3 नाबालिग लड़कियां यौन हिंसा का शिकार होती हैं. उन्होंने कहा कि न्याय में देरी होने और अनिश्चितता की वजह से अपराधियों के मन मे डर नहीं है. आयोग की अध्यक्षा ने राष्ट्रपति से कहा कि कम से कम बलात्कार के मामलों में ऐसी न्याय व्यवस्था होनी चाहिए जिससे एक समय सीमा के अंदर अपराधी को सजा मिल सके.
पत्र में राष्ट्रपति का ध्यान निर्भया के बर्बर बलात्कार की तरफ खींचा गया जिसमे 6 साल के बाद भी न्याय पूरा नहीं हुआ है. निर्भया के माता पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए दर दर भटक रहे हैं. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने 05.05.2017 को 4 दोषियों को फांसी की सजा सुना दी थी और उनकी पुनर्विचार याचिका भी रद्द कर दी थी मगर अब तक दोषियों को फांसी नहीं हुई है. अब दोषी अदालत में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने जा रहे हैं.
आयोग की अध्यक्षा ने कहा कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की एक समय सीमा है, मगर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की कोई समय सीमा नहीं है, उन्होंने राष्ट्रपति से ऐसी व्यवस्था बनाने को कहा जिससे कम से कम बलात्कार के मामलों में एक समयसीमा के अंदर ही न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो.
आज यात्रा के आठवें दिन आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल रविदास कैम्प में झुग्गी में रुकेंगी और वहां की स्थिति देखेंगी. यह गौर करने वाली बात है कि निर्भया के बलात्कार और हत्या के मुख्य दोषी इसी कैम्प में रहते थे.
Source : News Nation Bureau