उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने केजरीवाल सरकार के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में इलाज केवल दिल्लीवासियों के लिए सीमित करने के आप सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है. अब दिल्ली में सभी का इलाज हो सकेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि दिल्ली में आईसीएमआर (ICMR) गाइड लाइन के मुताबिक टेस्टिंग होगी.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कोविड-19 के जांच की रणनीति बदल दी है. अब ऐसे लोगों की भी जांच की जाएगी जो मरीज के सीधे संपर्क में आए हैं और उनमें लक्षण नहीं दिख रहे, वो भी 5 से 10 दिनों के अंदर. कंटेनमेंट जोन में काम कर रहे कर्मचारियों को जांच के दायरे में रखा गया है. टेस्टिंग में कमी के कारण इस इमरजेंसी प्रक्रिया में देरी नहीं होगी. सभी जांच रियलटाइम आरटी-पीसीआर टेस्ट से होंगी.
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उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केजरीवाल सरकार का फैसला बदल दिया है. इसके साथ ही टेस्टिंग की प्रक्रिया भी. उन्होंने कहा है कि आईसीएमआर गाइडलाइंस के मुताबिक जांच होनी चाहिए. इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.
दिल्ली में सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज के फरमान को पलटने के बाद उपराज्यपाल ने कहा है कि कोरोना के संदिग्ध मरीज भी 5 से 10 दिन के भीतर कोरोना टेस्ट करा सकते हैं. उपराज्यपाल ने जारी आदेश में कहा है कि अब कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई वाले उन संदिग्धों की टेस्टिंग भी होगी, जो सीधे किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं. उन्होंने कहा वह 5 से लेकर 10 दिन के अंदर कोरोना टेस्ट करवा सकते हैं.
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गौरतलब है कि रविवार को ही सीएम केजरीवाल ने फैसला लिया था कि दिल्ली सरकार के निजी और प्राइवेट अस्पतालों में केवल दिल्ली के ही मरीजों का इलाज होगा. इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले होंगे.
Source : News Nation Bureau