दिल्ली दंगों का आरोपी ताहिर हुसैन (Tahir hussain) की बेल एप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने आम आदमी पार्टी से निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन की बेल एप्लिकेशन को मंजूरी नहीं दी. जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. यानी ताहिर हुसैन को जेल में ही रहना होगा.
दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में सीएए (CAA) के खिलाफ हुई हिंसा और IB कर्मी अंकित शर्मा की हत्या मामले के ताहिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया है. अपनी जमानत याचिका में ताहिर हुसैन ने कहा था कि वो निर्दोष है. दिल्ली हिंसा में उसका हाथ नहीं है और पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं. पुलिस उसे गलत तरीके से फंसा रही है.
दिल्ली पुलिस ने ताहिर पर UAPA के तहत दर्ज किया है मामला
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने ससंशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में ताहिर हुसैन के खिलाफ कठोर अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है.
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25 फरवरी को अंकित शर्मा हुए थे गायब
दिल्ली हिंसा के दौरान 25 फरवरी को अंकित शर्मा गायब हुए थे. परिवार के मुताबिक वे दफ्तर से आकर बाहर लोगों को समझाने गए थे. तभी ताहिर हुसैन के घर के बाहर भीड़ ने उन्हें पकड़ कर पीटा और चाकुओं से हमला किया. इसके बाद उन्हें ताहिर के घर के अंदर ले जाकर भी मारा गया.हुसैन को पहले उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान खुफिया ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की कथित हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उनकी संलिप्तता दिल्ली दंगे में भी सामने आई.
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दिल्ली दंगा में 53 लोगों की गई थी जान
उत्तरपूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा फैलने के साथ ही 24 फरवरी को सांप्रदायिक संघर्ष छिड़ गया. उसमें 53 लोगों की जान चली गयी और करीब 200 लोग घायल हो गये.