केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए हमले की जांच होनी चाहिए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “पुलिस को उस मामले की जांच करनी चाहिए. मेरी पार्टी (रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया (ए)) ने भी जांच की मांग की है और जो भी दोषी हो उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए.” सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री जेएनयू में हुए हमले के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
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जेएनयू में हुई हिंसा का सोमवार को बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे में बताया गया कि हिंसा के लिए कोड वर्ड से साजिश रची गई थी. वहीं बताया जा रहा है कि एबीवीपी और लेफ्ट विंग के छात्रों के बीच पिछले 2-3 दिनों से तनाव चल रहा था. लेफ्ट विंग के छात्रों ने रजिस्ट्रेशन के सर्वर को डैमेज किया, तो तनाव और ज्यादा बढ़ गया. इसके बाद दोनों गुट आमने-सामने आ गए. दोनों के बीच मारपीट हुई. पेरियार होस्टल पर रविवार करीब 4 बजे के बाद मामला बढ़ता चला गया.
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वहीं अंदर करीब 10 पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे. उनके साथ भी हाथापाई हुई. पीसीआर कॉल भी की गई थी. उसके बाद कुछ व्हाट्स एप ग्रुप बनाये गए और बदला लेने की प्लानिंग हुई. बाहर से लोग आए. इसके लिए एक कोड वर्ड बनाया गया. जिसके जरिये हमलवार अपने लोगों की पहचान कर पाएं और उन्हें न पीटें. करीब 7 बजे लाठी-डंडों से लैस नकाबपोश भीड़ ने हमला कर दिया. उस समय अंधेरा था, इसलिए कौन राइट और कौन लेफ्ट वाला है, उसकी पहचान करना मुश्किल था. इसलिए कोड वर्ड के जरिये हमलावरों को किसे मारना है किसे नहीं.
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8 बजे के आसपास वीसी की परमिशन लेकर पुलिस अंदर घुसी, लेकिन तब तक हमलवार भाग गए थे. हमलावरों में कुछ जेनएयू के छात्र भी शामिल हैं, लेकिन ज्यादातर बाहरी हैं. जहां हिंसा हुई वहां कोई सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं. कुछ हमलावरों की पहचान हो गयी है.
Source : Bhasha