दिल्ली सरकार ने कहा है कि पूरी दिल्ली को रेड जोन घोषित नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकार जिले नहीं, बल्कि वार्ड स्तर पर कोविड-19 मामलों को वर्गीकृत करने की योजना बना रही है. सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि एक कदम दिल्लीवासियों को लॉकडाउन के दौरान राहत दे सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में जिलों के क्षेत्र-वार वर्गीकरण में दिल्ली के सभी 11 जिलों को रेड जोन के रूप में घोषित किया है. महानगर में 272 वार्ड हैं. सूत्रों ने बताया कि इस योजना को मंजूरी के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जाएगा. दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 223 नये मामले सामने आने से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के कुल मामले बढ़ कर 3,738 हो गये हैं. सरकार ने यह भी बताया कि यहां दो और लोगों की मौत हुई है और कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर अब 61 हो गई है.
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दिल्ली सरकार जिले के बजाय प्रत्येक वार्ड के अनुसार कोरोना वायरस के मामलों को वर्गीकृत करने की योजना बना रही है. इससे राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्से रेड जोन की श्रेणी से बाहर आ सकते हैं और तीन मई के बाद लॉकडाउन में ढील देने की उम्मीद बढ़ सकती है. सूत्रों ने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विभागों का निर्देश दिया है कि वे वार्ड के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की विस्तृत योजना तैयार करें.
एक अधिकारी के मुताबिक, जिस इलाके में तीन या अधिक मामले हैं, उसे रेड जोन घोषित किया गया है जबकि एक या दो मामले वाले इलाके को ऑरेंज जोन में रखा गया है. बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने कोविड-19 के मामलों के स्थानिक वितरण, निषिद्ध क्षेत्रों और वार्ड के अनुसार रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन से संबंधित विस्तृत विश्लेषण पेश किया. सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक वार्ड के हिसाब से वर्गीकरण की योजना तैयार होने के बाद इसे स्वास्थ्य मंत्रालय के पास अनुमति के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर हमें अनुमति प्राप्त होती है तो रेड जोन की श्रेणी में शुमार दिल्ली में ऑरेंज और ग्रीन जोन भी होंगे.
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वहीं, बैजल ने स्वास्थ्य विभाग को रेड जोन को ऑरेंज और ग्रीन जोन में बदलने के लिए कार्ययोजना विकसित करने को भी कहा. इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल को नहीं रोकेगी क्योंकि उसके शुरुआती नतीजे अच्छे हैं. इस घोषणा से कुछ दिनों पहले केंद्र ने कहा था कि कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक चरण में है और इससे जीवन के लिए घातक जटिलताएं पैदा होने की आशंका है. ऑनलाइन प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने कहा कि एक मरीज जिसकी हालत गंभीर थी, उसे प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार को केंद्र से लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में परीक्षण करने की अनुमति मिल गई है. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही जांच के चलते राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के मामले ज्यादा हैं. केजरीवाल ने कहा कि केंद्र के बयान के बाद प्लाज्मा थेरेपी को लेकर भ्रम था और कहा कि उन्हें फोन कॉल आने शुरू हो गए कि क्या दिल्ली सरकार इनका परीक्षण रोक देगी.
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उन्होंने कहा, “हम प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल को नहीं रोकने वाले हैं. हमें थेरेपी के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. हालांकि यह प्रायोगिक स्तर पर है. इस थेरेपी के परिणाम अब तक अंतिम नहीं हैं. हमें उम्मीद है कि हमें जल्द ही समाधान मिल जाएगा.”
Source : Bhasha