दो महीनों की लंबी जद्दोजहद के बाद दिल्ली को बुधवार मेयर के साथ डिप्टी मेयर मिल गया. इसके चुनाव में कई अड़चने आईं, मगर बुधवार को यह शांति से बहाल हो गया. आप की पार्षद शैली ओबेरॉय मेयर की कुर्सी पर बैठीं. अब स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर बवाल मच रहा है.सदन में रातभर धुक्कामुक्की के साथ शोरशराबा होता रहा. दोनों ओर से पानी की बोतलों से हमला किया गया. मेयर शैली ओबेरॉय ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया. वहीं भाजपा पार्षदों ने आप पार्षदों पर आरोप लगाया. आरोप-प्रत्यारोप के बीच रातभर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. इस दौरान 12 बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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क्या हैं तीन कारण
1. दरसअल, महापौर और उपमहापौर चुनाव के दौरान मोबाइल और पेन के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया गया था. मगर स्थाई सदस्यों को इसी इजाजत देने पर विवाद खड़ा हो गया. विवाद की वजह थी कि 47 पार्षदों को पहले ही बैलेट पेपर इश्यू किए जा चुके थे. इनमें से कुछ ने अपने वोट भी दे दिए थे. भाजपा पार्षदों का कहना है कि पूरा चुनाव दोबारा से होना चाहिए. वहीं आप पार्षदों का कहना है कि जो बैलेट पेपर जारी हो चुके हैं और वोट पड़ चुके हैं. वे अब मान्य होंगे. बाकी मतदान बिना मोबाइल से डाले जा सकते हैं. इस पर बवाल हो गया .
2. स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव काफी अहम माने जाते हैं. क्योंकि यहां पर सात सीटों के लिए भाजपा ने तीन उम्मीदवार, वहीं आप ने चार उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. क्रॉस वोटिंग होना भी खतरा माना गया है. दोनों दलों के पार्षद एक दूसरे को पहले से जानते हैं. ऐसे में क्रॉस वोटिंग हो सकती है. अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोटिंग हो सकती है.
3. स्थाई समिति पर कब्जे के लिए 18 में से दस सदस्य चाहिए. वर्तमान समय भाजपा के पास पांच-पांच जोन में पूर्ण बहुमत है. वहीं नरेला जोने और मध्य जोन में टक्कर का मुकाला है. मध्य जोन में कांग्रेस के समर्थन से भाजपा ये जोन जीत सकती है.
HIGHLIGHTS
- 12 बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी
- रातभर धुक्कामुक्की के साथ शोरशराबा होता रहा
- मेयर शैली ओबेरॉय ने इसके लिए BJP को जिम्मेदार ठहराया