ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने 4 फरवरी को FIR दर्ज की थी. पुलिस की इस FIR में मुख्य रूप से 5 बातों को ध्यान में रखा गया है और इन्हीं 5 बातों के आधार पर पुलिस की जांच चल रही है. बता दें कि भारत में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा हुई थी. हिंसा के कुछ दिन बाद पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर किसान आंदोलन के समर्थन में भारत की छवि बिगाड़ने के लिए ट्वीट किया था और इसके साथ ही उन्होंने एक टूलकिट भी शेयर किया था.
1. सोशल मीडिया
मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस सभी आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल रही है. सोशल मीडिया मॉनिटरिंग में मालूम चला कि 26 जनवरी को किसान आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने की साजिश सिख फॉर जस्टिस संगठन ने रची थी.
2. फेक न्यूज
देश विरोधी ताकतों ने 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज शेयर की थी, ताकि देश के विभिन्न धर्म और जाति के लोगों के बीच नफरत फैलाई जा सके.
3. हिंसा के लिए उकसाया गया
सिख फॉर जस्टिस संगठन एक भारत विरोधी और प्रतिबंधित संगठन है. इस संगठन ने किसान आंदोलन की आड़ में भारत में हिंसा फैलाने के लिए लोगों को उकसाया. सिख फॉर जस्टिस ने विश्व स्तर पर भारत की छवि बिगाड़ने के लिए यूएन में भी शिकायत करने की खूब कोशिशें कीं. 26 जनवरी हिंसा के बाद भी इस संगठन ने लगातार फेक न्यूज शेयर कीं.
4. टूलकिट का सहारा
भारत में माहौल बिगाड़ने के लिए टूलकिट की मदद से पोयटिक जस्टिस फाउंडेशन के कैंपेन में इस्तेमाल किए जाने वाले तमाम मटेरियल को खुल्लम-खुल्ला प्रोमोट किया गया.
5. साजिश में था ट्विटर स्टॉर्म
ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किए गए टूलकिट में प्रायर एक्शन नाम से एक कॉलम था. इसमें कहा गया था कि 23 जनवरी को ट्विटर स्टॉर्म लाना है. उन्होंने यहां 26 जनवरी के मौके पर विरोध प्रदर्शन और विदेशों में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन के लिए कहा गया था. पुलिस ने बताया कि टूलकिट में जो-जो बातें कही गई थीं, वैसी-वैसी गतिविधियां की गईं.
Source : News Nation Bureau