उत्तराखंड में आई ग्लेशियर त्रासदी का असर अब दिल्ली तक पहुंच गया है जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. गंग नहर के पानी में ग्लेशियर फटने के वजह से मलवा, गाद, कीचड़,लकड़ी की राख, पौधों के टुकड़े बह कर आ रहे हैं जिसके चलते दिल्ली में पानी की किल्लत हो गई है. पानी मे गंदगी की वजह से दिल्ली जल बोर्ड के सोनिया विहार और भागीरथी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जो दिल्ली में 250 MGD पानी की सप्लाई करती है वो अपनी क्षमता से नीचे काम कर रही है.
गंग नहर के पानी में ग्लेशियर फटने के वजह से मलवा, गाद, कीचड़,लकड़ी की राख आदि आने की वजह से दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है. दिल्ली जल बोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा लगातार इस दिक्कत पर नज़र बनाये हुए है. राघव चड्ढा ने बताया कि पानी में गंदगी मानक के हिसाब से 8 हज़ार NTU तक पहुंच गई थी उसे अभी 1000 तक लाया गया है और उम्मीद के मुताबिक आज शाम तक पानी की सप्लाई फिर से सुचारू कर ली जाएगी.
बता दें कि गंग नहर से भगरथी और सोनिया विहार प्लांट में पानी की सप्लाई होती है. इसकी कुल क्षमता 250 MGD थी जिसका 60% सप्लाई अचानक आये गंदगी से प्रभावित हुई थी. उत्तराखंड के ग्लेशियर फटने की वजह से दिल्ली के पानी मे गंदगी की मात्रा 8000 NTU तक पहुंच गई थी उसे अब कम किया गया है. गंग नहर के पानी में आये गाद, कीचड़ अदि को ट्रीट करना मुश्किल था जिसके चलते दक्षिणी ,पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है. बताया जा रहा है कि आज शाम तक बाकी की सप्लाई पूरी तरह शुरू हो जाएगी और पर्याप्त पानी मिलने लगेगा. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा के मुताबिक 'पर्याप्त संख्या में पानी के टैंकर आदि तैनात किए जा रहे हैं और पानी का मैलापन कम करने के लिए भी कोशिश जारी हैं.'
बता दें कि पिछले रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से अचानक आए फ्लैश फ्लड में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब तक कम से कम 166 लोग लापता चल रहे हैं. यहां रैनी गांव में ऋषिगंगा नदी में ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था, जिसके चलते यहां नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी.
Source : News Nation Bureau