देशभर में कोरोना वायरस का तांडव लगातार तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, देश में चल रहा कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान अपने निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक गति से नहीं चल रहा है. राजधानी दिल्ली में टीकाकरण की दर बेहद कम है, जहां स्वास्थ्य कर्मियों को बिहार जैसे पिछड़े राज्य में 90% वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है. वहीं दिल्ली में यह आंकड़ा तकरीबन 60% है. वहीं अगर वैक्सीन की दूसरी डोज़ की बात करें, तो स्थिति और भी ज्यादा खराब नजर आती है ,जबकि दिल्ली में शिक्षा का स्तर और शहरी सुविधाएं बाकी राज्यों की तुलना में बहुत बेहतर है.
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अभी तक दिल्ली में तकरीबन चार लाख वैक्सीन लगाई जा चुकी है. जिसमें से तीन लाख 64 हजार स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को पहली वैक्सीन की डोज दी गई है. और 34700 यानी 35 हजार से भी कम लाभार्थियों ने वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवाई है, यानी ऐसी लाभार्थियों की संख्या बहुत बड़ी है जो वैक्सीन इनकी पहली डोज़ लगवाने के लिए तो पहुंच जाते हैं ,पर दूसरी डोज़ में नदारद रहते हैं.
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इस पर स्वस्थ विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार शहरी आबादी की अंदर ज्यादा वैक्सीन हैजिटेशन होता है और उन समझाना मुश्किल होता है. कुछ स्वास्थ्य कर्मियों और फंट लाइन वर्कर को यह लगता है कि पहली वैक्सीन के बाद जीत वह सुरक्षित है और दूसरी वैक्सीन लेने की जरुरत नहीं लेकिन ऐसा कब कि वह अपने, अपने परिवार और अपने राज्य के लिए तो खतरा है ही ,लेकिन दिल्ली में अगर कोरोना के आंकड़े बढ़ते हैं तो पूरे भारत के लिए स्थिति खराब हो सकती है.
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बताते चलें कि देशभर में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है. देशभर में टीकाकरण अभियान के पहले चरण में अभी तक कुल 1,35,60,932 लोगों को कोविड-19 की वैक्सीन दी जा चुकी है. वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण एक मार्च से शुरू होगा.
HIGHLIGHTS
देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में आई तेजी
निर्धारित लक्ष्य के लिहाज से टीकाकरण की गति धीमी
Source : News Nation Bureau