अभी तक राजधानी दिल्ली में बहुत से ऐसे टीकाकरण केंद्र बंद हो चुके हैं जहां 18 साल से लेकर 44 साल आयु वर्ग का टीकाकरण किया जाता था, लेकिन अब देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में 45 साल से अधिक आयु के स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, हालांकि कुछ बची कुची वैक्सीन दूसरी डोज के रूप में दी जाएगी पर पहली डोज पूरी तरीके से बंद है. यह हालत तब है जब केंद्र सरकार की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि साल के अंत तक 217 करोड वैक्सीन डोज भारत में बनाई जाएगी और दिल्ली सरकार जहां वोट वहां वैक्सीन का अभियान चला रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः कोरोना की तीसरी लहर आई तो ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी: अरविंद केजरीवाल
देश के सबसे बड़े अस्पताल के अंदर जब हेल्थ केयर वर्कर के लिए वैक्सीन की पहली डोज खत्म हो जाए तो सरकार के दावों पर सवाल उठना लाजमी है. हालांकि इनके अंदर अधिकांश डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है, फिर भी एम्स के हेल्थ वर्कर की संख्या 2000 से ज्यादा है. ऐसे में कुछ लोग अभी भी ऐसे हैं जो डॉक्टर या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए काम तो कर रहे हैं पर टीकाकरण केंद्र में उनके लिए वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है, उम्मीद की जा रही है कि तीन-चार दिनों में स्थिति सुधर जाएगी.
यह भी पढ़ेंः काला फंगस और कोविड के इंजेक्शन की कालाबाजारी में डॉक्टर गिरफ्तार
राजधानी दिल्ली में 45 प्लस लोगों को अगले 4 हफ्ते के अंदर वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिल्ली सरकार ने 'जहां वोट, वहां वैक्सीनेशन' अभियान शुरू किया है. दिल्ली में 'जहां वोट वही वैक्सीन' अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री ने लॉरेंस रोड स्थित पोलिंग स्टेशन से की. इस अभियान के तहत लोगों को उनके घर पर जाकर उनकी वोटर लिस्ट के हिसाब से चेक किया जाता है कि किसे वैक्सीन लगी है और किस ने अभी तक वैक्सीन नहीं ली. जिसके बाद उन्हें घर पर ही वैक्सिंग सेंटर के लिए अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है. हालांकि यह सुविधा अभी सिर्फ 45 प्लस की कैटेगरी के लिए ही उपलब्ध है.