भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. इसे लेकर सुनवाई करते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा है. वह 18 अप्रैल को निर्णय सुनाएगी. गौरतलब है कि बीते वर्ष जून में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. आपको बता दें कि कुछ नाबालिग महिला खिलाड़ियों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे. हालांकि पॉक्सो के केस में नाबालिग की ओर से अपनी शिकायत वापस लेने के बाद दिल्ली पुलिस ने शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करके कैंसिलेशन रिपोर्ट को दाखिल किया था.
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नाबालिग की ओर मामले को रद्द करने की मांग
पटियाला हाउस कोर्ट को शिकायतकर्ता के बयान और दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर निर्णय सुनाया था. क्लोजर रिपोर्ट पर नाबालिंग पहलवान ने किसी तरह की आपत्ति नहीं जताई थी. दिल्ली पुलिस ने 15 जून, 2023 को नाबालिग की ओर से मामले को रद्द करने की डिमांड की गई है. उसने कोर्ट के समक्ष एक रिपोर्ट दायर की थी.
मामले को बंद करने को लेकर रिपोर्ट तब दायर हुई जब नाबालिग के पिता का दावा है कि उसने अपने साथ कथित अन्याय को लेकर सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. नाबालिग के पिता के अनुसार, उसने गुस्से में भाजपा सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. वहीं 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि महिला पहलवान मामले में पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में असफल हुए हैं.
550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट भी दाखिल की
पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो केस को वापस लेने के लिए 550 पेज की कैंसिलेशन रिपोर्ट को दाखिल किया है. चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच के दौरान बृजभूषण सिंह के खिलाफ किसी तरह के टेक्निकल सबूत नहीं मिले. जांच में पुलिस को किसी तरह की कोई संदिग्ध तस्वीर, वीडियो या फुटेज या फिर फोरेंसिक सबूत प्राप्त नहीं हुए हैं. पुलिस की ओर से महिला पहलवानों से सबूत की डिमांड की गई है. मगर वह उपलब्ध कराने में असफल रहे.
Source : News Nation Bureau