शनिधाम पीठ के संस्थापक दाती महाराज (Daati Maharaj) के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें दाती महाराज लोगों के साथ पूजा करते हुए दिखाई दे रहा है. इश दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन (Lockdown) का खुला उल्लंघन बताया जा रहा है. ये वायरल वीडियो 21 मई के होने का दावा किया जा रहा है. इन वीडियो की जानकारी मिलने के बाद दक्षिण दिल्ली डीसीपी ने कहा कि इन वीडियो के आधार पर जांच करवा रहे हैं. दक्षिणी दिल्ली के डीएम ने भी जांच के आदेश दिए हैं. अगर जांच में दाती महाराज दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
यह भी पढ़ेंः ब्रिटिश अदालत का अनिल अंबानी को चीन के तीन बैंकों को 71.7 करोड़ डॉलर का भुगतान करने का आदेश
कौन हैं दाती महाराज
राजस्थान के पाली जिले के अलावास गांव में मेघवाल परिवार में जुलाई 1950 को दाती का जन्म हुआ. पिता का नाम देवाराम था. देवाराम भी यही करते थे. मदन जब सात साल का हुआ, देवाराम की भी मौत हो गई. गांव के ही एक शख्स के साथ मदन दिल्ली में आ गया. जानकार बताते हैं कि पहले तो उसने चाय की दुकानों में छोटे-मोटे काम किए. इसके बाद केटरिंग का काम शुरू कर दिया. मदन की मुलाकात 1996 में राजस्थान के एक ज्योतिषी से हुई. इसी दौरान उन्होंने जन्मपत्री देखना सीख लिया. केटरिंग का कारोबार बंद कर कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष केंद्र खोल दिया. नाम बदलकर दाती महाराज रख लिया.
यह भी पढ़ेंः झाड़ू पोछा से लेकर मच्छरदानी लगाने तक, Video में देखें रतन राजपूत के गांव में बिताए पल
मदन हर किसी की जन्मपत्री देखकर शनि की चाल का खौफ दिखाने लगा. 1998 में दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने थे. मदन ने एक नेता की कुंडली देखकर कह दिया कि यह शख्स चुनाव जीत जाएगा. आखिरकार वह चुनाव जीत भी गया. इस खुशी में उसने फतेहपुर बेरी में अपने पुश्तैनी मंदिर का काम दाती महाराज को सौंप दिया. इस बीच मंदिर के आसपास की जगहों पर भी कब्जा जमा लिया. 2010 में हरिद्वार में महाकुंभ श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े ने दाती महराज को महामंडलेश्वर की उपाधि दी. उन्होंने मंदिर को श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर का नाम दिया और अपना नाम श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती जी महाराज नाम रख लिया.
Source : News Nation Bureau