राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला (Ex President of NCM Wajahat Habibulla) ने अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के फैसले को सोमवार को “गंभीर खामियों” वाला करार दिया. उन्होंने फैसले पर पुनर्विचार याचिका (Review petition) दायर करने का समर्थन किया और कहा कि भविष्य में इसके कानूनी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. भारत के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त (First CIC of India) हबीबुल्ला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला दो समुदाय की चिंताओं को सुलझाने का प्रयास करता हुआ प्रतीत होता है. उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “मेरे विचार में इस फैसले में गंभीर खामियां हैं. मैं फैसले को रचनात्मक (Creative) नहीं कहूंगा लेकिन यह विध्वंसक (Destroyer) भी नहीं है. इस समझ से कि यह दो बड़े समुदाय की चिंताओं के समाधान की कोशिश करता है.”
हबीबुल्ला 2005 से 2010 तक सीआईसी रहे और बाद में एनसीएम प्रमुख बने. उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए इसमें कहा गया कि मस्जिद गिराना गैरकानूनी था...और यह बहुत अहम है. उन्होंने यह भी माना कि हिंदुओं का भी दावा है हालांकि दावे की प्रकृति से, मेरी असहमति है.” राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के प्रमुख गयूरुल हसन रिज्वी के दावे कि फैसले से मुस्लिम खुश हैं, पर आयोग के पूर्व प्रमुख ने कहा कि उनकी राय को मुस्लिम समुदाय में ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती. फैसले पर क्या मुस्लिम पक्ष को पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए, यह पूछने पर हबीबुल्ला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के कानूनी परिणाम होंगे, इसलिए “उच्चतम न्यायालय का इस पर फिर से विचार करना बेहतर होगा.”
यह भी पढ़ें-फीस बढ़ोत्तरी को लेकर JNU में पुलिस से भिड़े छात्र, कुलपति को कहा चोर
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शनिवार को कहा था कि वह अयोध्या फैसले की समीक्षा (Review Petition on Ayodhya Verdict) पर विचार कर रहा है. अयोध्या भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष के प्रमुख वकील जफरयाब जिलानी ने कहा था कि फैसले की समीक्षा पर निर्णय एआईएमपीएलबी की रविवार की बैठक में लिया जा सकता है. कई मुस्लिम नेताओं एवं संगठनों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल किए जाने के खिलाफ तर्क दिए हैं और मामले को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की है.
यह भी पढ़ें- 'नेता या तो भगवान से डरते थे या फिर पूर्व चुनाव आयुक्त टीएन शेषन (TN Seshan) से'
इसके पहले अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद धार्मिक नगरी अयोध्या के निवासियों ने आपसी सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश की है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अयोध्या अभी तक विवादों के लिए जाना जाता था लेकिन अब परस्पर सौहार्द के लिए जाना जाएगा और भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करेगा. नवीन सब्जी मंडी के आढ़ती विजय पांडे ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से पूरी अयोध्या खुश है और यहां पूरी तरह अमन-चैन कायम है, कोई परेशानी वाली बात नहीं है. अयोध्या के मुख्य चौक पर रेस्तरां चलाने वाले तनवीर अहमद ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले से हमें खुशी है क्योंकि अब वर्षों से चला आ रहा तनाव और विवाद खत्म हो गया है.’’