Delhi Flood: दिल्ली में इन दिनों बारिश और जलभराव ने हालात बिगाड़ दिए हैं. कई इलाकों में पानी लबालब है. इस बाढ़ के पीछे हथिनीकुंड बैराज की चर्चा सबसे अधिक है. यहां से छोड़े गए पानी के बाद से ही दिल्ली के कई क्षेत्र पानी में डूब गए. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये हथिनीकुंड बैराज है क्या. किस तरह से अचानक जलस्तर के बढ़ने से पूरी दिल्ली पानी में डूब गई. आपको बता दें कि बैराज का पानी रोका नहीं जा सकता है. उसे केवल एक दिशा की ओर मोड़ा जा सकता है. यमुनानगर में बने हथिनीकुंड बैराज से पानी तीन ओर से निकलता है. सबसे पहले पूर्वी यमुना नहर. इसके जरिए पानी सिंचाई आदि के लिए यूपी की ओर भेजा जाता है.
पश्चिमी यमुना नहर के पानी को हरियाणा की ओर भेजा जाता है
वहीं दूसरा पश्चिमी यमुना नहर के पानी को हरियाणा की ओर भेजा जाता है. ये पानी सिंचाई में उपयोग होता है. इसके साथ यही पानी दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पीने के लायक बनाया जता है. इन दो नहरों को छोड़ दें तो बचा हुआ जल यमुना नदी छोड़ दिया जाता है.
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े पानी कैसे लिया विकराल रूप
हथिनीकुंड बैराज से आमतौर पर 352 क्यूसेक पानी को हर घंटे पर छोड़ दिया जाता है. इस तरह आठ जुलाई को दोपहर के वक्त तीन बजे तक इसी रफ्तार से पानी बैराज से छूट गया था. मगर हिमाचल और अन्य ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही तेज बारिश से अचानक बैराज पर पानी का जलस्तर तेजी से बढ़ा. ऐसे में पानी छूटने की रफ्तार में बढ़ोतरी होती चली गई. हथिनीकुंड बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया. इसे बाढ़ की तरह देखा जाता है. 9 जुलाई की शाम को चार बजे एक लाख 11 हजार 60 क्यूसेक पानी को छोड़ा गया. इसे अधिकारिक रूप से बाढ़ मान लिया गया.
Source : News Nation Bureau