हवा की रफ्तार सुस्त होने और ठंड में बढ़ोत्तरी के साथ दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के वातावरण में प्रदूषण का जहर और बढ़ गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक ठंड बढ़ने के साथ दिल्ली की हवा में 'ज़हर' लगातार बढ़ता जा रहा है. राजधानी के आसमान में शुक्रवार सुबह से ही स्मॉग छाया हुआ है. दिल्ली-एनसीआर के अन्य इलाकों में भी कमोबेश यही हाल है. दिल्ली के अलीपुर इलाके में तो एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है. सफर का अनुमान है कि अगले दो दिनों के बीच हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण के स्तर में और इजाफा होगा.
Air quality deteriorates further in the national capital.
— ANI (@ANI) October 23, 2020
Air Quality Index is at 387 in Anand Vihar, 333 in RK Puram, 391 in Rohini and 390 in Dwarka; all four in 'very poor' category, as per #Delhi Pollution Control Committee data. pic.twitter.com/azUlquj3Of
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हवा सुस्त होने से बढ़ी दिक्कत
पराली का धुआं और मौसम का असर अब दिल्ली के वातावरण पर अपना असर दिखाने लगा है. यूं तो मानसून की वापसी के साथ ही हवा की रफ्तार सुस्त पड़ने लगती है, लेकिन, अभी तक हवा की रफ्तार आमतौर पर दस किलोमीटर प्रति घंटे के ऊपर बनी हुई थी. अब हवा की रफ्तार चार किलोमीटर प्रति घंटे तक पर आ गई है. इसे आमतौर पर शांत हवा माना जाता है. इसके चलते वातावरण में मौजूद प्रदूषक कण ज्यादा देर तक ठहरे रहते हैं और उनका छितराव नहीं होता. यही वजह है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.
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अलीपुर सबसे अधिक प्रदूषित
शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुबह 7 बजे 360 है. आसमान में स्मॉग छाया हुआ है. अलीपुर, शादीपुर, जहांगीरपुरी, विवेक विहार, वजीरपुर, बवाना और मुंडका में प्रदूषण का स्तर गंभीर हालत में है. 439 एयर क्वॉलिटी इंडेक्स के साथ अलीपुर अबतक दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के मुताबिक दिल्ली की हवा आज भी 'बेहद खराब' है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स आनंद विहार में 387, आरके पुरम में 333, रोहिणी में 391 और द्वारका में 390 है.
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दो दिन में और खराब होगी हवा
0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बेहद खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है. आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा, 'वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्टूबर तक और खराब होगी. पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है. इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है.’