एमसीडी (Municipal Corporation of Delhi) को 2012 में तीन नए निकायों (उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम) में बदल दिया गया था. जिसके बारे में आज हम डिटेल में जानेंगे. जिसमें सबसे पहले बात करें नॉर्थ डीएमसी की तो उन पर लगभग 62 लाख नागरिकों की आबादी के विकास की जिम्मेदारी है. यह 605 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. जो पूरी दिल्ली का लगभग 43% है. यह छह अलग-अलग क्षेत्रों में बंटी हुई है- रोहिणी, सिविल लाइंस, करोल बाग, शहर, सदर पहाड़गंज और नरेला जोन. इसमें 104 वार्ड, 728 कॉलोनियों, 450 अनधिकृत कॉलोनियां, 102 ग्रामीण गांव और 33 शहरी गांव आते हैं. उत्तर डीएमसी में 5 प्रमुख अस्पताल और एक मेडिकल कॉलेज है. वहीं, जहांगीरपुरी-बुरारी में भारत का पहला सी एंड डी वेस्ट प्लांट और नरेला-बवाना में भारत का सबसे बड़ा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट है, जो नॉर्थ डीएमसी द्वारा एक मील के पत्थर के तौर पर स्थापित किया गया है. इसका मुख्यालय जेएलएन मार्ग, नई दिल्ली में स्थित है. जिसके दो विंग हैं- डिलिबरेटिव विंग और एक्जीक्यूटिव विंग.
एसडीएमसी (SDMC) यानी साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन पर करीब 56 लाख नागरिकों के विकास, सुविधाओं का जिम्मा है. यह 656.91 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में व्याप्त है. जिसे 4 जोन में बांटा गया है- सेंट्रल, साउथ, वेस्ट और नजफगढ़ जोन. इसमें 104 वार्ड हैं. एसडीएमसी को काफी पॉश रेजिडेंशियल और कमर्शियल एरिया से लेकर ग्रामीण और शहरी गांवों, जेजे पुनर्वास कॉलोनियों, नियमित और अनधिकृत कॉलोनियों में नागरिक सेवाएं प्रदान करने का गौरव प्राप्त है. जिसमें 388 स्वीकृत कॉलोनियां, 86 ग्रामीण गांव, 81 शहरीकृत गांव, 111 अनधिकृत कॉलोनियां, 252 अनधिकृत नियमित कॉलोनियां और 32 जेजे पुनर्वास कॉलोनियां हैं. इसका मुख्यालय मिंटो रोड, दिल्ली में स्थित है. इसके भी दो विंग हैं यानी डेलिब्रेट विंग और एक्जीक्यूटिव विंग.
ईडीएमसी (EDMC) दिल्ली के नागरिकों के लिए एक बेहतर कल बनाने के लक्ष्य से नागरिक सुविधाओं प्रदान करता है. जिसमें 140 किमी का क्षेत्र आता है, जो दिल्ली में लगभग 18 लाख नागरिकों की सेवा के लिए जिम्मेदार है. ईस्ट दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन में कुल दो जोन और 64 वार्डों हैं. इसका मुख्यालय मंडावली एक्सटेंशन, दिल्ली में स्थित है. इसके मेयर श्याम सुंदर अग्रवाल हैं, जो बीजेपी से आते हैं.