Explained Delhi Rains: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार मौसम ने अपना अलग ही अंदाज दिखाया है. पहले रिकॉर्डतोड़ गर्मी ने लोगों की मुश्किलें बढाईं पूरा जून एक तरह सूखा गया. हर कोई मानसून को लेकर तरसता रहा. लेकिन मानसून ने जब दस्तक दी तो पूरा देश ही देखता रह गया. जी हां जून महीने के अंतिम सप्ताह में जब मानसून ने अपनी आमद दर्ज कराई तो यहां पर मानो तबाही ही मच गई. 28 जून को दिल्ली में अचानक कुछ घंटों में ही इतनी बारिश हुई कि हर तरफ सैलाब बन गया. लोगों को लगा कि बादल फट गए. ऐसा क्यों हुआ इसको लेकर अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जानकारी साझा की गई है. यानी आईएमडी ने बताया है कि आखिर दिल्ली में इतनी बारिश क्यों हुई?
क्यों दिल्ली में हुई रिकॉर्डतोड़ बारिश
दिल्ली में 28 जून को जो बारिश हुई उसने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ा था. इसको लेकर लोगों को लग रहा था कि शायद दिल्ली में फादल फटे हैं, लेकिन आईएमडी ने इसको लेकर स्पष्टीकरण दिया है. आईएमडी के मुताबिक दिल्ली में बादल फटने की घटना नहीं हुई लेकिन इसे बादल फटने की घटना के करीब माना जा सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक ये थर्मोडायमनामिक अस्थिरता है, जो तूफान के लिए अनुकूल मानी जाती है. ऐसे में शुरुआती घंटों में मूसलाधार बारिश होना संभव है.
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कब कितनी हुई बारिश
दिल्ली में 28 जून की बात करें तो सुबह 5 से 6 बजे के बीच झमाझम बारिश हुई. इस दौरान 91 मिमी बारिश रजिस्टर की गई. इसके साथ ही लोधी रोड मौसम स्टेशन ने सुबह 5 से 6 बजे तक 64 मिमी बारिश और सुबह 7 बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज बताई. मौसम विभाग के मुताबिक 28 जून को हुई बारिश औसत बारिश से तीन गुना ज्यादा थी. इस दौरान 24 घंटे में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.
एक दिन में कितनी बारिश सामान्य
भारतीय मौसम विभाग की ओर से बारिश होने के मानक तय हैं. ऐसे में एक दिन में कितनी बारिश होना चाहिए इसको लेकर भी आईएमडी की ओर से तय किया गया है. मौसम विभाग की मानें तो एक दिन में 124.5 मिमी से नीचे की बारिश को सामान्य माना गया है. लेकिन 124.5 और 244.4 मिमी बारिश को भारी बारिश के रूप में परिभाषित किया गया है. लेकिन अगर 244.4 मिमी से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई हो तो यह मूसलाधार बारिश में आती है.
किसे कहा जाता है बादल फटना
आईएमडी के मुताबिक जब किसी जगह पर एक घंटे में 10 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज कर ली जाए तो इसे बादल फटने की घटना में काउंट किया जाता है. यानी ये बारिश सबसे अधिक पड़ने वाली बारिश की श्रेणी में आ जाती है. दरअसल बादल फटने की घटना महज एक घंटे में ही आंकी जाती है ऐसे में कई बार मौसम वैज्ञानी इसको लेकर पहले ही अलर्ट नहीं दे पाते हैं.
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हालांकि मौसम विभाग की ओर से दिया जाने वाला रेड अलर्ट इसी का एक तरीका होता है, इसमें सबसे अधिक यानी भारी बारिश बहुत भारी बारिश की चेतावनी शामिल होती है. ऐसे में ऐसी बारिश में यह माना जाता है कि इस दौरान बादल फटने की घटना हो सकती है.
Source : News Nation Bureau