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पुलिस मुख्यालय के सामने सिपाही-हवलदारों ने धरना क्यों दिया? कानूनी नोटिस भेज पूछा कमिश्नर से

Tis Hazari Violence : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस के जरिये पुलिस कमिश्नर से वकील ने पूछा है कि मंगलवार पांच नवंबर को दिल्ली पुलिस मुख्यालय (Delhi Police Headquarter) पर पुलिसकर्मियों ने धरना क्यों दिया?

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Sunil Mishra
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पुलिस मुख्यालय के सामने सिपाही-हवलदारों ने धरना क्यों दिया? कानूनी नोटिस भेज पूछा कमिश्नर से

तीस हजारी कांड में पुलिस के धरने पर उठे सवाल( Photo Credit : IANS)

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Tis Hazari Violence :  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक वकील ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) को कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस के जरिये पुलिस कमिश्नर से वकील ने पूछा है कि मंगलवार पांच नवंबर को दिल्ली पुलिस मुख्यालय (Delhi Police Headquarter) पर पुलिसकर्मियों ने धरना क्यों दिया? यह धरना गैर-कानूनी था. कानूनी नोटिस दिल्ली कमिश्नर को मिला भी है या नहीं यह फिलहाल पुष्ट नहीं हो पाया है. हां, वकील का यह कानूनी नोटिस मीडिया में जरूर वायरल (Viral) हो रहा है. नोटिस के जरिये वकील ने पुलिस कमिश्नर से कहा है कि, सड़क पर मीडिया की मौजूदगी में दिए गए हवलदार, सिपाहियों के इस धरने से वकीलों और समाज में डर पैदा करने की कोशिश की गई है, जो सरासर गैर-कानूनी है.

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पुलिस मुख्यालय के बाहर धरने से बेहद खफा से दिखाई पड़ रहे परेशान हाल वकील ने पुलिस आयुक्त को तमाम कानूनी धाराओं का भी उल्लेख करते हुए उन्हें सही-गलत समझाया है. नोटिस में जिक्र है कि, सार्वजनिक स्थल पर फोर्स वाले अपनी मांगों को लेकर सरेआम कोई मांग, धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं. इसलिए मंगलवार के धरना प्रदर्शन को गैर-कानूनी ही कहा जाएगा.

वकील ने नोटिस के जरिये मांग की है कि, धरना प्रदर्शन में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ न्यायोचित कदम उठाया जाना चाहिए. इतना नहीं वकील ने धरने में शामिल पुलिस वालों को तत्काल दंडित करने तक की मांग की है.

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पुलिस कमिश्नर के नाम संबोधित इस कानूनी नोटिस में कहीं भी उस घटना का जिक्र नहीं है, जिसमें बीते शनिवार को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस वालों के बीच जमकर जूतम-पैजार हुई थी. जिसके सीसीटीवी फुटेज खुलेआम जमाने के सामने घूम रहे हैं. उन सीसीटीवी फुटेज में सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि कौन-कौन क्या क्या कर रहा था. भेजे गये नोटिस के अंत में वरुण ठाकुर नाम के वकील का नाम और दस्तखत मौजूद है. आईएएनएस इस नोटिस की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.

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