दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान यमुना के प्रदूषण में काफी कमी आई थी. अब अनलॉक शुरू होते ही प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने के कारण दिल्ली की जलापूर्ति प्रभावित हुई है. सोमवार को वेस्ट दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली, साउथ दिल्ली और दिल्ली कैंट आदि इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित हुई है. दिल्ली अनलॉक के बाद तेजी से प्रदूषण फैलने की एक बड़ी वजह फैक्ट्रियों से बहने वाले केमिकल हैं.
यह भी पढ़ेंः हरियाणा में नेहरू-गांधी परिवार की संपत्तियों की होगी जांच, खट्टर सरकार का फैसला
आम तौर पर बरसात के मौसम के दौरान, साफ दिखने वाली यमुना नदी में लॉकडाउन खत्म होते ही प्रदूषण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है. नदी में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ गया है कि कुछ दिन पहले दिल्ली के तीन सबसे बड़े वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का प्रोडक्शन 75% तक कम हो गया था. इस मामले में दिल्ली के जल मंत्री गोपाल राय का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान यमुना सफाई को लेकर तैयारी करना संभव नहीं था क्योंकि सबकुछ बंद था. लेकिन सरकार ने उन वजहों का आंकलन करवाया है कि कैसे लॉकडाउन के दौरान यमुना नदी साफ हुई, लॉकडाउन के बाद यमुना नदी की स्थिति की भी विभाग जांच कर रहा है.
यह भी पढ़ेंः राम जन्म भूमि से 2000 फीट नीचे रखा जाएगा 'टाइम कैप्सूल', जानें क्या है वजह
दिल्ली जल बोर्ड की भी है अहम भूमिका
यमुना नदी की सफाई के लिए दिल्ली जल बोर्ड की भी अहम भूमिका है. क्योंकि गंदे नाले के पानी को साफ करने के लिए बनाए जाने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की ही है. लॉकडाउन के बाद यमुना नदी में केमिकल की मात्रा बढ़ने के सवाल पर दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने कहा कि यमुना को साफ करने के लिए एक लंबी अवधि का प्लान बनाया गया है जिसमें 6 महीने का विलंब हो गया है. यमुना नदी को क्लीन करने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
Source : News Nation Bureau