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दिल्ली की हवा ही नहीं यमुना का पानी भी हुआ जहरीला, एक साल में 10 गुना हो गई इस केमिकल की बढ़ोतरी

Delhi Yamuna Pollution: दिल्ली की हवा के साथ-साथ यमुना का पानी भी लगातार जहरीला होता जा रहा है. यमुना के पानी में तैरने दिख रहा झाग फेकल कोलीफॉर्म है जो एक साल में दस गुना बढ़ चुका है.

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Suhel Khan
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Yamuna River Delhi

दिल्ली में जहरीला हुआ यमुना का पानी (ANI)

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Delhi Yamuna Pollution: दिल्ली में हवा ही नहीं बल्कि यमुना का पानी भी जहरीला हो गया है. राजधानी से गुजर रही यमुना नदी में सफेद झाग हर दिन बढ़ रहा है. छठ महापर्व आने वाले है ऐसे में यमुना का ये जहरीली पानी उन्हें बीमार कर सकता है. यमुना के पानी में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है. यमुना के पानी में बीते एक साल में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा दस गुना बढ़ गई है. ये सब यमुना में इंसान और जानवरों के अपशिष्ट के चलते हुआ है.

खतरे के निशान पर पहुंचा यमुना का प्रदूषण

बता दें कि गंगा और यमुना जैसी देश की कई नदियां सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. बावजूद इसके इन नदियों का पानी लगातार जहरीला होता जा रहा है. इनदिनों दिल्ली में यमुना के पानी में सफेद झाग नजर आ रहा है. जो फेकल कोलीफॉर्म है. जो अब खतरे निशान के पास पहुंच गया है.

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अगर आने वाले दिनों में सटीक इंतजाम नहीं किए गए तो यमुना के पानी की हालत और भी खराब हो जाएगी. क्योंकि एक साल के अंदर यमुना के पानी में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा 10 गुना बढ़ गई है. जिसके चलते पानी में तेजी से कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का स्तर बढ़ रहा है. इस केमिकल के बढ़ने से नदी का पानी काफी हानिकारक हो गया है और उससे दुर्गंध आने लगी है.

क्या है यमुना के प्रदूषित होने की वजह

दिल्ली में यमुना के प्रदूषित होने की सबसे बड़ी वजह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का ठीक से काम नहीं करना है. जिससे फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा पानी में लगातार बढ़ रही है. क्योंकि पानी को साफ करने के लिए लगे ज्यादातर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अपने मानक से काफी नीचले स्तर पर काम कर रहे हैं. जिससे दूषित पानी नदी में सीधा चला जाता है. इसके अलावा बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) भी नदी के दूषित होने का बड़ा कारण है. क्योंकि बीओडी पानी में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण होता है.

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नियमों की हो रही अनदेखी

बता दें कि पर्यावरण कानून और तमाम कड़े नियमों के बाद भी ग्राउंड लेवल पर नजर नहीं आ रहे. इसीलिए नियम कानूनों को ताक पर रखकर यमुना में भारी मात्रा में अपशिष्ट बहाया जा रहा है. इसके साथ ही उद्योग कारखाने से निकलने वाला कचड़ा भी नदी में बहाया जा रहा है. इससे यमुना लगातार प्रदूषित हो रही है.

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