दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से 27 जुलाई को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक एसयूवी ड्राइवर मनुज कथूरिया को गिरफ्तार किया था. जिसे गुरुवार को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद मनुज कथूरिया शुक्रवार शाम तिहाड़ जेल से बाहर आ गया. कोर्ट ने मनुज कथूरिया को जमानत देते हुए कहा कि आरोपी को मामले में अति उत्साह के चलते फंसाया गया था
सात लोगों को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि 27 जुलाई को राव कोचिंग सेंटर की बेसमेंट की लाइब्रेरी में पानी भर गया, जिसमें तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों की डूबकर मौत हो गई. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कुल सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें राव कोचिंग के सीईओ अभिषेक गुप्ता और कोर्डिनेटर देशपाल सिंह भी शामिल हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राव आईएएस स्टडी सर्कल ने उन तीन यूपीएससी अभ्यर्थियों के परिवारों के लिए 50 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है, बता दें कि संस्थान ने हादसे के पांच दिन बाद गुरुवार को मुआवजे की पेशकश की.
वकील ने दी मुआवजे के बारे में जानकारी
राउ आईएएस कोचिंग के वकील मोहित सराफ ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, "हम जान गंवाने वाले प्रत्येक छात्र के परिवार को 50 लाख मुआवजे की पेशकश कर रहे हैं. आधा पैसा अभी दिया जाएगा. जबकि बाकी पैसा संगठन के सीईओ अभिषेक गुप्ता के आने पर या छह महीने के भीतर दिया जाएगा."
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SUV ड्राइवर की गिरफ्तारी पर क्या बोला हाईकोर्ट
वहीं एसयूवी ड्राइवर की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की. उच्च न्यायालय ने कहा कि, "दिल्ली पुलिस क्या कर रही है? क्या उन्होंने इसे खो दिया है? जांच की निगरानी कर रहे उसके अधिकारी क्या कर रहे हैं? यह लीपापोती है क्या?" उच्च न्यायालय ये बात ने घटना की जांच का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कही. वहीं शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि गनीमत है कि आपने पानी के बेसमेंट में घुसने पर उसका चालान नहीं काटा.
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