गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइज़िन्हो फलेरियो के कांग्रेस छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद से गोवा कांग्रेस में भगदड़ मची है. फलेरियो ने इस साल सितंबर में कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ली थी. अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक रवि नाइक ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ कर बड़ा झटका दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता रवि नाइक ने मंगलवार को राज्य विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. वह पोंडा सीट से विधायक बने थे. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को त्यागपत्र सौंपा. नाइक के त्यागपत्र देने के बाद 40 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल 37 विधायक ही बचे हैं. इनमें कांग्रेस के सिर्फ तीन शेष रह गए हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले दो विधायकों हाल ही में त्यागपत्र दे दिया है. नाइक के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की संभावना है. गौरतलब है कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
नाइक के इस्तीफे के साथ, 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस की ताकत घटकर तीन हो गई है. नाइक के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राज्य कांग्रेस प्रमुख गिरीश चोडनकर ने कहा कि पार्टी ने उन्हें बहुत पहले "अस्वीकार" कर दिया था और उन्हें आगामी राज्य चुनावों के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भी नहीं माना जा रहा था.
गोवा में पोंडा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले नाइक ने विधानसभा अध्यक्ष राजेश पाटनेकर को अपना इस्तीफा सौंपा. उनके साथ उनके दो बेटे भी थे, जो पिछले साल सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हुए थे. नाइक ने अपना इस्तीफा सौंपने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, "मैंने इस्तीफा दे दिया है. अपने अगले कदम के बारे में मैं आपको बताऊंगा."
सूत्रों के मुताबिक, नाइक के पार्टी के गोवा चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में दिन में बाद में भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है. रवि नाइक के छोटे बेटे रॉय नाइक ने कहा कि उन्होंने अपने पिता से भाजपा में शामिल होने का अनुरोध किया है.
आपको बता दें कि 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. हालांकि, 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने तटीय राज्य में सरकार बनाने के लिए कुछ क्षेत्रीय संगठनों और निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ गठबंधन किया.
इस बीच, चोडनकर ने दावा किया कि नाइक के जाने से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि नाइक "केवल तकनीकी रूप से पार्टी में मौजूद थे". कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, "उनका एक पैर पहले से ही भाजपा में था. उन्होंने अपने बेटों को पहले भाजपा में भेजा था." चोडनकर ने कहा कि कांग्रेस ने पोंडा विधानसभा क्षेत्र में नया नेतृत्व बनाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, "हमने नाइक को पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं किया था. हमने बहुत पहले नाइक को खारिज कर दिया था."
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी कि चुनाव से चार-पांच महीने पहले नाइक पार्टी छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि पोंडा प्रखंड समिति ने आगामी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार को शॉर्टलिस्ट करने के लिए हुई बैठक के दौरान नाइक के नाम का उल्लेख नहीं किया था.उन्होंने कहा, "नाइक को अगले चुनाव के लिए पार्टी का उम्मीदवार भी नहीं माना गया."
2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद से, कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. वालपोई विधायक विश्वजीत राणे ने सबसे पहले कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए और इस सीट से उपचुनाव जीत लिया. राणे वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं. राणे के बाहर निकलने के तुरंत बाद, कांग्रेस के दो और विधायक सुभाष शिरोडकर (जिन्होंने शिरोदा सीट का प्रतिनिधित्व किया) और दयानंद सोपटे (मंदरेम) - ने भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी. इन दोनों ने बाद में मई 2019 में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की.
गोवा कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जुलाई 2019 में लगा, जब उसके 10 विधायकों के एक समूह ने तत्कालीन विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में पार्टी छोड़ दी. कावलेकर वर्तमान में प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं. वर्तमान में, कांग्रेस के पास राज्य में केवल तीन विधायक हैं.
HIGHLIGHTS
- 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी
- गोवा कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जुलाई 2019 में लगा
- 2017 के चुनावों में कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी
Source : News Nation Bureau