गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का जीवन बड़ा ही सादा रहा है. आम लोगों की तरह सड़क पर घूमना, गाड़ी के पिछली सीट पर बैठना और किसी भी बात की शिकायत न करना. ये सभी एक सीएम के लिए सोचा भी नहीं जा सकता. लेकिन मनोहर पर्रिकर के लिए ये सच है. पर्रिकर हमेशा से ही अपना जीवन काफी सादगी से बिताया था. उनकी सादगी के बारे में उनसे जुड़े लोग ज्यादा प्रभावित हुए हैं. पर्रिकर के ड्राइवर ने उनके सादगी के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई हैं कि आपको लगेगा ही नहीं कि ये किसी प्रदेश के सीएम हैं. आइये जानते हैं -
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दिल्ली में मनोहर पारिकर के निजी ड्राइवर का कहना है कि ना सिर्फ पंजीम में बल्कि नई दिल्ली में भी मनोहर पारिकर पैदल चलने के शौकीन थे. कई बार ऐसा हुआ जब मैं तो ड्राइवर उन्हें पिक करने के लिए लेट हो गया, तो वह गोवा सदन अमृता शेरगिल मार्ग से लालकृष्ण आडवाणी के दिल्ली आवास पृथ्वीराज रोड तक पैदल चले जाते थे. जब वह बतौर रक्षा मंत्री कार्यरत थे तब भी अमित शाह से मिलने अपने घर से पैदल ही जाना पसंद करते थे. वह हमेशा ड्राइवर के साथ वाली अगली सीट पर बैठते थे और हालचाल भी पूछते थे.
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यह ड्राइवर 2 बार एम्स में भी मनोहर पारिकर के साथ कार्यरत रहे हैं. उनका कहना है कि एम्स अस्पताल में अपने इलाज के दौरान भी मनोहर पारिकर कैबिनेट की बैठक लेते थे और अपने अधिकारियों को दिल्ली बुलाकर प्रदेश के विकास पर चर्चा करते थे. उनकी आंखों में कभी भी कैंसर की बीमारी से डरने का भाव नहीं रहा. वह एक जुझारू नेता के साथ साथ निडर व्यक्ति भी रहे थे. एम्स में दो बार रुकने पर ना सिर्फ बैठक लेते थे, बल्कि अपने वार्ड के आसपास टहलना भी पसंद करते थे.
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मनोहर पारिकर के पर्सनल अटेंडेंट और खानसामा का काम करने वाले व्यक्ति का कहना है कि मनोहर पारिकर को हमेशा किंगफिश खाने में पसंद करते थे. वह छोटे बच्चे की तरह हमेशा गोवा की मछली खाने की जिद करते थे, खाने को लेकर या फिर रूम की सफाई को लेकर उन्होंने कभी कोई शिकायत नहीं की. उनकी सादगी एक छोटे बच्चे की तरह थी.
Source : News Nation Bureau