अगले 48 घंटों में मानसून-पूर्व भारी वर्षा के मद्देनजर गोवा के समुद्र तट पर तैराकी न करने का कहा गया है. एक निजी समुद्र तट प्रबंधन एजेंसी द्वारा सोमवार को एक बयान जारी कर ये कहा गया है. गोवा सरकार द्वारा लाइफगार्ड सेवाओं के रखरखाव के लिए नियुक्त एक निजी एजेंसी दृष्टि मरीन ने कहा कि तटीय इलाका में भी 2.8 से चार मीटर की ऊंचाई वाली लहरें आ सकती हैं. लिहाजा, नागरिकों को सलाह दी जाती है कि इन दिनों के दौरान खराब मौसम और समुद्र की स्थिति को देखते हुए सतर्क रहें.
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बयान में कहा गया है कि आगंतुकों को विशेष रूप से सेल्फी क्लिक करने के लिए तटरेखा पर चट्टानी क्षेत्रों, चट्टानों और पहाड़ियों से बचना चाहिए. यहां फिसलन हो सकती है. इसके अलावा, लहर की ऊंचाई और तीव्रता उच्च होने की उम्मीद है और कोई भी आसानी से अपना संतुलन खो सकता है. बयान में यह भी आग्रह किया गया है कि समुद्र तट पर जाते समय बच्चों की विशेष देखभाल सुनिश्चित करें. पिछले कुछ हफ्तों में, गोवा में लॉकडाउन में धीरे-धीरे मिल रही छूट के बाद यहां के लोकप्रिय समुद्र तटों में आगंतुकों का आना शुरू हो गया है.
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज मॉनसून आने की घोषणा कर दी. IMD महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी. जून से सितंबर तक बारिश होगी. उन्होंने बताया कि इस बार 75 प्रतिशत बारिश होगी. सबसे कम बारिश नॉर्थ ईस्ट में होगी. केरल में मॉनसून अपने तय समय पर पहुंची है. तिरुवनंतपुर में आज झमाझम बारिश हुई. केरल के बाद मॉनसून आगे बढ़ेगा. 5 जून को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, असम, गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों में दस्तक दे सकता है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 10 जून को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, और सिक्किम में बारिश की बूंदें पड़ सकती है.
Source : IANS