गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को उनके निजी निवास पर निधन हो गया. वह पिछले एक साल से अधिक समय से कैंसर से जूझ रहे थे. वह 63 साल के थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे. वैसे तो मनोहर पर्रिकर के साथ कई अच्छे काम जुड़े हैं तो कई विवाद भी, लेकिन सबसे ज्यादा विवाद राफेल डील को लेकर हुआ. राफेल पर राहुल गांधी के झूठ को मनोहर पर्रिकर ने पर्दाफाश किया था.
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राफेल से जुड़ी फाइलों के चोरी हो जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और मनोहर पर्रिकर पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, राफेल फाइलों के चोरी होने में गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर की भूमिका की भी जांच हो. राहुल गांधी ने गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे की उस कथित ऑडियो क्लिप की ओर इशारा किया था, जिसमें वह दावा कर रहे हैं कि राफेल से जुड़ी जरूरी फाइलें पर्रिकर के पास हैं. उन्होंने कहा था कि पर्रिकर बीजेपी नेतृत्व को ब्लैकमेल कर रहे हैं, जिससे उन्हें गोवा सीएम के पद से न हटाया जाए.
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राहुल गांधी ने कहा, पर्रिकर ने कैबिनेट में साफ तौर पर कहा था कि उनके पास राफेल से जुड़ी फाइलें हैं. यह उस ऑडियो टेप में है. उन्होंने कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री के पद से नहीं हटाया जा सकता है, क्योंकि जिस दिन ऐसा हुआ उसी दिन वह राफेल से जुड़ी सारी फाइलें जारी कर देंगे. राहुल ने कहा, पर्रिकर ने कहा कि उन्हें नए कॉन्ट्रैक्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. दस्तावेज कहते हैं कि चौकीदार ने एक समानांतर डील की थी.
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राहुल गांधी के इस बयान का गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने खुलकर जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि राफेल सौदे के बारे में गोवा के एक मंत्री और एक अज्ञात व्यक्ति के बीच बातचीत की ऑडियो क्लिप तथ्यों की झूठी कहानी गढ़ने का कांग्रेस द्वारा किया गया एक 'निराशाजनक प्रयास' है और ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई थी. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा था कि कांग्रेस द्वारा जारी ऑडियो क्लिप राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस का झूठ उजागर होने के बाद तथ्यों को झूठा गढ़ने की उनकी निराशाजनक कोशिश है. कैबिनेट बैठक या किसी और बैठक में अब तक ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई.
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पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा था कि फ्रांस तय समय से पहले भारत को राफेल विमान की सप्लाई कर देगा. बता दें कि लंबे समय से लटके राफेल फाइटर प्लेन के सौदे को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई में हरी झंडी मिली थी. सितंबर 2016 में भारत और फ्रांस के बीच राफेल फाइटर प्लेन के सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे. भारत दौरे पर आए फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां यीव ली ड्रियान और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. सैनिकों की 40 साल पुरानी 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग को अमल के रास्ते पर ले जाने में पर्रिकर की बड़ी भूमिका देखी गई थी.
Source : News Nation Bureau