Gujarat Water Metro Project: गुजरात में टूरिज्म को लेकर भूपेंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है. इसी सिलसिले में प्रदेश के अलग- अलग क्षेत्र को आकर्षक टूरिस्ट प्लेस में बदला जा रहा है. इसी के तहत राज्य सरकार अब प्रदेश में वॉटर मेट्रो का प्रोजेक्ट लेकर आई है, जिसका संचालन सूरत शहर से होकर गुजरने वाली तापी नदी में होगा. इसके लिए नगर आयुक्त अपनी विदेश यात्रा के दौरान कोच्चि वॉटर मेट्रो के टेक्निकल मेंबर्स की एक टीम से भी मुलाकात कर चुके हैं.
22 नवंबर को होगी टेक्निकल टीम से मुलाकात
सूरत से गुजरने वाली तापी नदी पर बैराज बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. इसके लिए कोच्चि वॉटर मेट्रो के टेक्निकल मेंबर्स की टीम 22 नवंबर को सूरत कमिश्नर से चर्चा के बाद सूरत पहुंचेगी. इस टीम के साथ सूरत नगर पालिका की टीम का बैराज के अपस्ट्रीम का दौरा रहेगा. तापी नदी पर बैराज बनने से सुरती के लिए पेयजल का भी स्रोत बढ़ेगा. इसके अलावा, तापी नदी में लगातार बाढ़ आने पर परिवहन के लिए इसका उपयोग करने की भी योजना बनाई जा रही है. आज पेश किए गए सूरत नगर पालिका के ड्राफ्ट बजट में तापी रिवरफ्रंट को ध्यान में रखते हुए जल परिवहन को एकीकृत करने का प्रावधान किया गया.
केरल में है देश की पहली वॉटर मेट्रो
अभी तक भारत के केरल स्थित कोच्चि क्षेत्र में देश की पहली वॉटर मेट्रो है, उसी तरह अब सूरत में भी वॉटर मेट्रो बनाने की तैयारी की जा रही है. कुछ दिन पहले, पेरिस में परिवहन पर एक कार्यशाला में गुजरात सरकार की ओर से प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित सूरत नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल के साथ कोच्चि जल मेट्रो परियोजना के तकनीकी प्रमुख उपस्थित थे. उनके दौरे के बाद सूरत में तापी नदी में वॉटर मेट्रो को लेकर भी चर्चा हुई.
इतनी रहेगी बीआरटीएस कॉरिडोर की लंबाई
नगर आयुक्त के साथ बैठक के बाद, एसीई भगवागर और उनकी टीम को तापी नदी के दोनों किनारों पर प्रस्तावित बैराज के अपस्ट्रीम क्षेत्र में कोच्चि के विशेषज्ञों की एक टीम को नदी के किनारे के दौरे की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रस्तावित बैराज के अपस्ट्रीम में किन स्थानों पर वॉटर मेट्रो के लिए स्टेशन बनाए जा सकते हैं, जो सूरत में 108 किमी लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर को भी जोड़ेंगे? मौके पर जाकर व्यवहार्यता का सत्यापन किया जाएगा.