देशभर में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. कभी एमपी तो कभी गुजरात कहीं न कहीं ऐसी वारदात देखने को मिल ही जाती है. ताजा मामला गुजरात के अहमेदाबाद से सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग से ठगों ने 1.15 करोड़ी की ठगी को अंजाम दिया है. पुलिस के मुताबिक ठगों ने बुजुर्ग को व्हाट्सएप कॉल करके खुद को दिल्ली पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बताया. इसके बाद उसे धमकाकर वारदात को अंजाम दिया. हालांकि, पुलिस ने इसमें शामिल 3 आरोपियों को पकड़ भी लिया है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार तीनों आरोपी राजस्थानी गैंग के सदस्य हैं. तीनों के पास से 11 लाख रुपये कैश जब्त हुए हैं.
इस तरह बनाया शिकार
राजस्थानी गैंग द्वारा बुजुर्ग को पहले व्हाट्सएप कॉल किया गया. इसके बाद खुद को दिल्ली पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बताकर कहा गया कि आपके नाम पर एक पार्सल भेजा गया है, जिसमें 16 पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड, 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुआ है. इसको लेकर आपके विरुद्ध एफआईआर दर्ज हुई है. कोर्ट ने अरेस्ट वारंट भी जारी किया है. अगर आप जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो अरेस्ट कर लिया जाएगा.
इधर, इतना सुनते ही बुजुर्ग सहम गया और फिर बुजुर्ग से आरोपियों ने बैंक की डिटेल्स भी ले ली. इसके बाद आरोपियों ने बुजुर्ग को वेरिफिकेशन के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डाला. साथ ही कहा कि वेरिफिकेशन के बाद रुपये वापस कर दिए जाएंगे, जिसके बाद बुजुर्ग उनके जाल में फंस गया और उसने 1.15 करोड़ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर बैठा.
9वीं पास है एक ठग
अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच के डीसीपी लवीना सिंहा ने इस मामले लेकर बताया कि टेक्निकल एनालिसिस और ह्यूमन इंटेलिजेंस के माध्यम से बुजुर्ग के पैसे जिस अकाउंट में गए और इसमें मदद करने वाले तीन आरोपी पकड़े गये हैं. जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी पहचान 9वीं पास शिवराज जाट, बीए पास कमलेश बिश्नोई और बारहवीं पास नाथूराम जाट के रूप में हुई है.
बैंक अकाउंट किये फ्रीज
डीसीपी लवीना सिंहा ने बताया कि बुजुर्ग की रकम अलग-अलग बैंक अकाउंट में हैं, जिन्हें फ्रीज किया गया है. जबकि 11 लाख कैश आरोपियों के पास से बरामद हुआ है, जिसे कोर्ट की प्रक्रिया को पूर्ण करके लौटाया जाएगा. कोर्ट ने तीनों आरोपियों की रिमांड 9 दिन के लिए दी है. आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.