गुजरात की अहमदाबाद पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट मामले में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. यहां साइबर क्राइम यूनिट ने गैंग में शामिल 4 ताइवानी सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया है. देशभर में कई जगह छापेमार कार्रवाई की गई. इस दौरान 762 सिम कार्ड, 120 मोबाइल फोन बरामद किए गए.
एक प्रेम कॉन्फ्रेंस के दौरान एसपी साइबर क्राइम शरद सिंघल ने बताया कि दिल्ली और बेंगलुरु से 4 ताइवीनी पकड़े गये थे, जिनमें से प्रत्येक शहर से दो की गिरफ्तारी हुई थी. अब तक इस गिरोह से जुड़ी कुल 450 शिकायतों की पहचान की जा चुकी है और भविष्य में और भी शिकायतें सामने आ सकती हैं.
इन जगहों पर हुई छापेमार कार्रवाई
जानकारी के अनुसार डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें सिर्फ गुजरात से ही नहीं बल्कि कहीं दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र से हैं. ऐसे गिरोह पूरे देश में पैर पसार चुके हैं, यही कारण है कि हमने 8 अलग-अलग स्थानों पर रेड डाली जहां-जहां कॉल सेंटरों का संचालन हो रहा था.
दिल्ली और बेंगलुरु से हुई गिरफ्तारी
बता दें कि दिल्ली से दो संदिग्ध और दो बेंगलुरु से धराए गये हैं. वे भारत के अंदर और बाहर यात्रा करते थे. उनमें से एक ने हिमाचल प्रदेश से ग्रेजुएशन कर चुकी है और भारत में लंबे समय तक रहा था, जबकि अन्य धोखाधड़ी का संचालन करने के लिए आते थे और फिर चले जाते थे. कॉल सेंटरों का संचालन वडोदरा, मुंबई, बेंगलुरु और अन्य स्थानों पर किया जा रहा था.
इसे कहते हैं डिजिटल अरेस्ट
ऐसे मामले जिनमें डिजिटल गिरफ्तारियों से संबंधित साइबर धोखाधड़ी की गई हो. जिसमें अपराधी नकली पुलिस स्टेशन या सरकारी कार्यालय स्थापित करने और सरकारी वर्दी पहनने जैसी रणनीति का इस्तेमाल करके कानून प्रवर्तन अधिकारियों तक का रूप धारण करते हैं. या फिर वे पीड़ितों को कॉल करते हैं और दावा करते हैं कि उनके फोन का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है. इसके बाद उन्हें किसी तरह डराकर अपने बातों में फंसा लेते हैं और उनसे लाखों-करोड़ों की राशि ऑनलाइन ही अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते हैं.