19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) से पहले कांग्रेस को गुजरात में बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के दो विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी छोड़ने वाले विधायकों में करजन से अक्सर पटेल और कापरड़ा से जीतू चौधरी शामिल हैं. इन विधायकों के इस्तीफे के बाद गुजरात में राजनीति गरमा गई है. एक दिन पहले ही गुजरात कांग्रेस के तीन विधायकों ने गांधीनगर में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (CM Vijay Rupani) और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही राज्य में राजनीतिक उठापटक की आशंका तेज हो गई थी. इन विधायकों ने पार्टी छोड़ने की बात को अफवाह करार दिया था. हालांकि जिन विधायकों ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और डिप्टी सीएम नितिन पटेल से मुलाकात की थी, उनलोगों ने पार्टी नहीं छोड़ी है.
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इससे पहले मार्च महीने में कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. लिंबडी के विधायक सोमा पटेल और धारी के विधायक जे वी काकडीया सहित चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी ने प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों पर कब्जा जमाने के लिए नरहरि अमीन को उतारने का फैसला कर कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी थी. अब इस दलबदल से गुजरात में एक बार फिर 2017 में हुए अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव जैसे फाइट होने की संभावना साफ नजर आ रही है.
कल जो विधायक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिले थे, उनमें कांग्रेस विधायक किरीट पटेल, ललित वसोया और ललित कागथारा शामिल हैं. तीनों विधायकों ने गांधी नगर स्थित राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. जब उनसे मुलाकात के बारे में पूछा गया तो पाटन विधानसभा सीट से विधायक किरीट पटेल ने कहा कि उनमें से कोई भी भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहा.
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मार्च में कांग्रेस ने विधायकों के पाला बदल के डर से अपने 14 विधायकों को इंडिगो फ्लाइट से राजस्थान भेज दिया था. पांच विधायक सड़क मार्ग से राजस्थान गए थे. अहमदाबाद हवाईअड्डे से जयपुर जाने वाले 14 विधायकों में लखाभाई भरवाड़ (वीरमगाम), पूनम परमार (सोजित्रा), जिनीबेन ठाकुर (वाव), चंदनजी ठाकुर (सिद्धपुर), रित्विक मकवाना (चोटिला), चिराग कालरिया (जामजोधपुर), बलदेवजी ठाकुर, नाथाभाई पटेल, हिम्मतसिंह पटेल, इंद्रजीत ठाकुर, राजेश गोहिल, अजितसिंह चौहान, हर्षद रिबादिया और प्रद्युम्न सिंह जडेजा शामिल थे.
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास 103, जबकि कांग्रेस के पास 73 विधायक हैं. राज्यसभा के उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत होगी. दोनों पार्टियों के पास दो सीटें जीतने के लिए पर्याप्त ताकत है. कांग्रेस को उम्मीद है कि निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी उनके उम्मीदवार के लिए ही वोट करेंगे. राज्यसभा की चार सीटों में से फिलहाल भाजपा के पास तीन और कांग्रेस के पास 1 सीट है. हालांकि विधायकों के लगातार पार्टी छोड़ने से पार्टी शायद ही गुजरात से राज्यसभा की सीट जीत पाए.
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चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 24 सीटों के लिए 19 जून को चुनाव कराने का ऐलान किया है. इनमें से 18 सीटें वो हैं जिनके लिए चुनाव कोरोना वायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे. इन 18 सीटों में से चार-चार सीटें आंध्र प्रदेश और गुजरात से हैं. इसके अलावा झारखंड की दो सीटें हैं जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान से तीन-तीन सीटें हैं. मणिपुर और मेघालय की एक-एक सीट के लिए भी चुनाव होंगे. 19 जून को ही कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में कुल छह राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे.
Source : News Nation Bureau