कहा जाता है की गुजरात की तटरेखा 16,000 किलोमीटर लंबी है पर राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र (NCCR) के मुताबिक गुजरात की तटरेखा 1945.5 किलोमीटर लंबी है. हालांकि, समुद्र के बढ़ते स्तर और जलवायु परिवर्तन के कारण 537.5 किमी की तटरेखा का क्षरण हो रहा है और जिसकी वजह से देश मे सबसे लंबे समुद्रतट के रूप में प्रसिद्ध गुजरात के कई बीच लुप्त हो गए है जबकि कई बीच पर लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है. देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह कटाव सबसे ज्यादा है और सरकार ने इस बात का खुद स्वीकार किया के और राज्यसभा में यह जानकारी दी है के गुजरात का 537.5 किलोमीटर लंबा समुद्रतट कटावग्रस्त है समुद्रतट लगातार सिकुड़ रहा है. जिसकी वजह से ऐसे कई सुंदर बीच आने वाली पीढ़ी नहीं देख सकेगी. देश के कुल 6632 किलोमीटर समुद्रतट में से 60 फीसदी तट पर्यावरण की दृष्टि से खतरे में हैं. देश के कुल समुद्रीतट में से 33.6 फीसदी को कटाव के लिए अतिसंवेदनशील पाया गया. जबकि 26.9 फीसदी तट बढ़ने की श्रेणी में और 39.9 फीसदी तट फिलहाल स्थिर है.
इस बात को लेकर पर्यावरणविद महेश पंड्या ने न्यूज़ नेशन के साथ बातचीत करते हुए कहा कटाव के लिए सिर्फ जलवायु परिवर्तन को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि समुद्री तट पर कई जगह पर गैरकानूनी गतिविधियां चल रही है नदियों में भी अवैध तरीके से खनन हो रहा है और सबसे अहम इंडस्ट्रियल एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसके लिए मेंनग्रोव के पेड़ को भी हटाया गया था मैंग्रोव के पेड़ हाइटाइड के दौरान समुद्री लहरें आती है उससे जो जमीन का क्षरण होता है उसके सामने रक्षण देते थे और इन्हीं सब चीजों की वजह से समुद्री तट के इलाकों का कटाव हो रहा है.
इसके अलावा गुजरात की बीच की बात की जाए तो द्वारका के शिवराजपुर बीच का कटाव हो रहा है और जिस तेजी से समुद्र तट का क्षरण हो रहा है. उसे देखते हुए निकट भविष्य में शायद ही यह खूबसूरत बीच दिखाई देगा. शीवराजपुर बीच का 32692.74 वर्ग मीटर का हिस्सा खत्म हो चुका है. राज्यसभा में 6 अप्रैल 2023 को सरकार द्वारा पेश किये गये जवाब में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है. इसके अलावा गुजरात के दांडी बीच जिसका 69434.26 मीटर कच्छ में मांडवी बीच है. 20471.44 मीटर और वलसाड में तीथल बीच का 69610.56 मीटर कटाव हो चुका है.
Source : News Nation Bureau