गुजरात के सूरत में शुक्रवार देर रात दिहाड़ी मजदूरों और श्रमिकों ने जमकर हंगामा किया. ये हंगामा शहर के दो इलाकों में किया गया. डायमंड बुर्स में निर्माण श्रमिक और लसकाना में कपड़ा उद्योग से जुड़े लोग सड़कों पर उतरे. इन लोगों का कहना था कि लॉकडाउन (Corona Virus Lockdown) की वजह से गुजारा मुश्किल हो गया है, इसलिए या तो काम शुरू करवाया जाए या इन्हें इनके घर जाने दिया जाए.
उत्तर प्रदेश, फतेहपुर के रहने वाले नीरज कुमार सूरत में साड़ी पर कढ़ाई का काम करते हैं. उनका कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से काम बंद है. सभी लोग बेचैन हैं. सभी के पास जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है. मकाम मालिक घर लौटने का दबाव बना रहे हैं. न तो सरकार की ओर से और ना ही सामाजिक संगठनों की ओर से कोई मदद अभी तक पहुंची है. देर रात जो श्रमिकों का प्रदर्शन हुआ था वो सिर्फ भोजन की मांग और अपने-अपने गांवों को लौटने को लेकर किया गया था.
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नीरज कहते हैं कि हम पूरे परिवार के साथ कोशाहत, मनीषा सोसायटी में रहते हैं. प्रशासन हम लोगों के लिए या तो घर जाने की व्यवस्था करे या फिर राशन पानी की व्यवस्था की जाए.
नीरज ने कहा कि 15 दिन पहले सरकार की ओर से एक अधिकारी आया था और नाम लिखकर चला गया. अभी तक राहत के नाम पर कुछ नहीं दिया गया है. उनका कहना है दुकानों में जो सामान उपलब्ध है, वह काफी ऊंचे दामों पर मिल रहा है. सरकार हम लोगों की सुध नहीं ले रही है.
गौरतलब है कि सूरत में काम करने वाले अधिकतर लोग हीरा और साड़ी उद्योग से जुड़े हैं. ये लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा जैसे प्रदेशों से हैं. शुक्रवार देर रात जिन श्रमिकों ने हंगामा किया, उनमें से ज्यादातर लोग ओडिसा के रहने वाले हैं .
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर रात प्रदर्शनकारियों ने सब्जी की रेहड़ी और टायरों में आग लगा दी थी. इस दौरान एंबुलेंस में भी तोड़फोड़ की गई और राहगीरों की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.