भाजपा ने विजय रुपाणी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के सभी 22 मंत्रियों को हटाकर 24 की एक नई टीम को शामिल करके 'टोटल नो रिपीट' फॉर्मूले के साथ भारतीय राजनीति में इतिहास रचने जैसा काम किया है. शामिल किए गए सभी मंत्रियों में से ज्यादातर फ्रेशर हैं. भूपेंद्र पटेल के हालिया व आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित रूप से मुख्यमंत्री के पद पर बैठाए जाने से गुजरात की राजनीति में एक नया परिवर्तन हुआ है. यदि देखा जाए पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपने गृह राज्य गुजरात में सबसे साहसी राजनीतिक प्रयोगों में से एक है. हालांकि गुजरात कैबिनेट में परिवर्तन और फ्रेशर्स को मौका दिए जाने को लेकर कई वरिष्ठ मंत्रियों में नाराजगी भी है, लेकिन पार्टी में इस कलह के बावजूद यह साहसिक निर्णय लिया गया. गुजरात का नेतृत्व करने के लिए नेताओं की एक नई टीम तैयार करने का यह संकल्प 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है. बीजेपी का दो दशक से अधिक शासन के बाद सत्ता-विरोधी भावना को लेकर यह फैसला लिया गया है. वहीं कोविड 19 का भी राज्य में मतदाताओं पर असर पड़ा है.
24 में 10 मंत्रियों के पास कैबिनेट रैंक
24 मंत्रियों में से 10 के पास कैबिनेट रैंक है और 14 राज्य मंत्री हैं, पांच राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. अपने पूर्ववर्ती विजय रुपाणी की तरह ही भूपेंद्र पटेल ने ज्यादातर पोर्ट फोलियो खुद के पास रखे हैं.सूरत (पश्चिम) से आने वाले 55 साल के पूर्णेश मोदी को सड़क परिवहन मंत्री बनाया गया है. पीएम मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के आपत्तिजनक कॉमेंट के मामले में उन्होंने ही आपराधिक मानहानि की शिकायत की थी. 54 साल के विनोद मोरडिया को शहरी विकास और हाउसिंग मंत्री बनाया गया है. वह लेउआ पटेल समुदाय से आते हैं.वहीं ओलपाड से विधायक मुकेश पटेल को कृषि और ऊर्जा विभाग दिया गया है. वह कोली समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी की सरकार में वापसी हुई है. शपथग्रहण से पहले उन्होंने स्पीकर पद से इस्तीफा दिया.उन्हें राजस्व और कानून मंत्रालय मिला है.
HIGHLIGHTS
- पिछली सरकार के सभी 22 मंत्रियों को नहीं मिली जगह
- बीजेपी ने 'टोटल नो रिपीट' फॉर्मूले का प्रयोग किया
- गुजरात की राजनीति में एक नया परिवर्तन हुआ है
Source : News Nation Bureau