गुजरात में हुई जहरीली शराब से मौत के मामले में आज आम आदमी पार्टी ने बीजेपी मुख्यालय का घेराव किया. जैसे ही आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आप मुख्यालय से बीजेपी मुख्यालय की तरफ बढ़े पुलिस ने रोक लिया. आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी दिल्ली में भी गुजरात जैसा हाल बनाना चाहती है. आम आदमी पार्टी के नेता आदिल खान ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया. कार्यकर्ताओं को डिटेन करने आई पुलिस बस के ऊपर चढ़ गए कार्यकर्ता साथ ही उनके साथ कुछ कार्यकर्ताओं ने भी बस पर चढ़कर नारेबाजी की.
बाद में पुलिस ने किसी तरह उन सभी कार्यकर्ताओं को बस से नीचे उतारा. गुजरात में शराब बंद है उसके बावजूद वहां पर जहरीली शराब पीने से 55 लोगों की मौत हो गई. सवाल यह है कि किसके संरक्षण में वहां अवैध कारोबार का धंधा फल-फूल रहा है. दिल्ली में भी बीजेपी आबकारी नीति का विरोध करके यहां गुजरात जैसा हाल बनाना चाहती है.
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गुजरात में अब तक 37 लोगों की मौत
वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जहरीली शराब पीने की वजह से गुजरात में अब तक 55 लोगों की जान जा चुकी है और 70 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती हैं. गुजरात में शराबबंदी के बावजूद बेरोकटोक शराब की बिक्री पर गुजरात पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. आज राजकोट, सूरत जैसे शहरों में अवैध तौर पर बनने वाली शराब के ठिकानों पर छापेमारी की गई और बड़े पैमाने पर अवैध शराब बरामद की गई.
दरअसल, गुजरात में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर ही सीमित है. अगर विधानसभा में गुजरात सरकार के जरिए दिए गए आंकड़ों पर गौर करें तो ये आंकड़े हैरान कर देते हैं. गुजरात सरकार ने 2 मार्च 2022 को गुजरात विधानसभा में आधिकारिक तौर पर कहा था कि गुजरात सरकार ने पिछले दो साल में 215 करोड़ 62 लाख 52 हजार 275 रुपये की विदेशी शराब जब्त की. वहीं, 4 करोड़ से ज्यादा कीमत की देशी शराब और 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की बीयर बरामद की गई. पिछले दो साल में 606 करोड़ की शराब और ड्रग्स बरामद किया गए हैं.
HIGHLIGHTS
- जहरीली शराब पीने से 55 लोगों की मौत
- दिल्ली में भी बीजेपी आबकारी नीति का विरोध
- कार्यकर्ताओं ने भी बस पर चढ़कर नारेबाजी की