केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने रविवार को अहमदाबाद में संकेत दिया कि जेल के संबंध में ब्रिटिश कालीन कानून में संशोधन लाया जाएगा. इसके लिए आदर्श जेल अधिनियम लाया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकारों के साथ गहन चर्चा जारी है. उन्होंने सभी राज्य सरकारों से 2016 में केंद्र द्वारा लाई आदर्श जेल नियमावली को तुरंत अपनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जेलों के संबंध में हमारे विचारों के पुनर्मूल्यांकन एवं जेल सुधारों को आगे ले जाने की आवश्यकता है. गृह मंत्री ने राज्यों से जिला जेल में कोर्ट के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कट्टरपंथ और मादक पदार्थ के धंधे को बढ़ावा देने वाले कैदियों को अलग से रखने की जरूरत पर बल दिया.
ये भी पढ़ेंः पहले रामपुरी चाकू के जरिए होता था शोषण, आज दे रहा है सुरक्षाः सीएम योगी
उन्होंने कहा कि नई जेल नियमावली जेलों में गिरोहों को काबू करने संबंधी मुद्दों से भी निपटती है. उन्होंने कहा कि यह उनका विश्वास है कि जेल प्रशासन आंतरिक सुरक्षा की अहम शाखा है. हम जेल प्रशासन की उपेक्षा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जेलों को लेकर समाज की धारणा बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जेज में बंद सभी स्वभाग से कैदी नहीं होते हैं. शाह ने कहा कि दंड की प्रक्रिया बहुत अहम है. मगर समाज में कैदियों के पुनर्वास के तौर.तरीके ढूंढ़ना भी जेल प्रशासन की जिम्मेदारी है.
शाह ने कहा कि हम आदर्श जेल अधिनियम लाने की तैयारी कर रहे हैं. यह ब्रिटिश काल से चल रहे कानून में जरूरी बदलाव करेगा. फिलहाल राज्यों के साथ चर्चा जारी है. यह कानून छह माह में आएगा. उन्होंने कहा कि जेज को आधुनिक बनाने का काम चल रहा है. शाह ने जेलों में भीड़ के मुद्दे के समाधान को लेकर बल दिया.
HIGHLIGHTS
- शाह ने कहा कि हम आदर्श जेल अधिनियम लाने की तैयारी कर रहे हैं
- कहा, ब्रिटिश काल से चल रहे कानून में जरूरी बदलाव करेगा
- जेलों में भीड़ के मुद्दे के समाधान को लेकर बल दिया