गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में शुक्रवार को एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में आग लगने से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. मीडिया एजेंसी आईएनएस के अनुसार इस भीषण अग्निकांड में मरने वालाों की संख्य बढ़कर 23 हो गई है. मरने वालों में 18 लड़कियां और 3 लड़के भी शामिल हैं. सभी की उम्र 15 से 22 साल के बीच थी. जानकारी के अनुसार 11 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं. घटना के समय आर्ट्स कोचिंग में 40 से 45 बच्चे थे. वहीं ताजा मिली जानकारी के अनुसार सूरत पुलिस ने कॉम्प्लेक्स के बिल्डर सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जिनके नाम हैं हर्षल वेकरिया, जिग्नेश, और कोचिंग सेंटर के मालिक भार्गव भूटानी.
Gujarat: Latest visuals from the site where a fire broke out at a coaching centre in Sarthana area of Surat yesterday. 20 people have died in the incident. pic.twitter.com/4UlqhAP6ET
— ANI (@ANI) May 24, 2019
सूरत शहर के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने कहा, फिलहाल सभी प्रकार की ट्यूशन क्लासेस को रोक दिया गया है. जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि पहले देखा जाएगा कि ऐसी सभी जगह फायर सेफ्टी से जुड़े नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है कि नहीं साथ ही उन जगहों को फायर सेफ्टी आवश्यक सर्टिफिकेट प्राप्त है या नहीं.
Satish Sharma, Commissioner of Police Surat: All type of tuition classes have been stopped for now, classes can only be conducted after the required fire safety checks are done & a fire safety certificate has been obtained. #Gujarat https://t.co/eaWLDD2hL8
— ANI (@ANI) May 25, 2019
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सूरत में हुई इस घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने लिखा, ' सूरत में भीषण आग की घटना से बेहद दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं मरने वालों के परिवारों के साथ हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मैंने गुजरात सरकार को स्थानीय प्रशासन से प्रभावितों को सभी तरह की सहायता मुहैया कराने को कहा है. आग पर काबू पाने के लिए दमकल की 18 गाड़ियां लगाई गईं.'
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
चार मंजिला कॉम्प्लेक्स में शॉर्ट सर्किट से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे आग लगी. कॉम्प्लेक्स में दूसरी और तीसरी मंजिल पर आर्ट क्लासेस चलती हैं. आग ग्राउंड फ्लोर से शुरू हुई. आग देखकर आर्ट क्लास के बच्चे ऊपर की ओर भागे और वहीं फंस गए. फायर ब्रिगेड के आने तक आग बेकाबू हो गई. इसलिए बच्चों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदना शुरू कर दिया. नीचे जमा स्थानीय लोगों ने कूद रहे बच्चों को कैच करना शुरू किया, ताकि बच्चों के सिर पर सीधी चोट न आए. इस तरह लोगों ने 11 बच्चों को बचा लिया. जबकि, एक बच्चे को नहीं बचाया जा सका. जो 20 बच्चे नहीं कूद पाए, उनकी झुलसकर जान चली गई.
ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाईं दमकल की सीढ़ियां
स्थानीय लोगों का आरोप है कि दमकल की गाड़ियां आग लगने के आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचीं. लेकिन, उस वक्त उनके पास जरूरी उपकरण नहीं थे, जिनके जरिए आग में फंसे बच्चों को बाहर निकाला जा सके. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जिस वक्त बच्चे इमारत से छलांग लगा रहे थे, उस वक्त दमकल सामने खड़ी थीं. लेकिन, उनकी सीढ़ियां ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाईं.
सीएम ने हादसे की रिपोर्ट मांगी
गुजरात के सीएम मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने हादसे पर दुख जाहिर किया. उन्होंने बच्चों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया और कहा कि एक दिन के भीतर हादसे की जांच रिपोर्ट पेश की जाए. रुपाणी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है. नड्डा ने एम्स ट्रामा सेंटर के निदेश को हर मदद के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. दिल्ली एम्स में भी डॉक्टरों की एक टीम को अलर्ट रखा गया है.
Source : News Nation Bureau