Modi Surname Case: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर राहुल गांधी मुश्किल फंसते नजर आ रहे हैं. मामला मोदी सरनेम को लेकर है. इस मामले में राहुल गांधी को गुजरात कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ा झटका देते हुए सेशन कोर्ट की सजा को बरकरार रखा है. दरअसल सेशन कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो वर्ष की सजा सुनाई थी. इस सजा को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने हाई कोर्ट का रुख किया था, जहां से राहुल गांधी को एक बार फिर झटका लगा है क्योंकि हाई कोर्ट ने भी सेशन कोर्ट की सजा को बरकरार रखा है.
Gujarat High Court upholds Sessions Court's order denying stay on conviction of Rahul Gandhi in the defamation case against 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/Qzw15PE0Ij
— ANI (@ANI) July 7, 2023
राहुल गांधी के राजनीतिक करियर के लिहाज से 7 जुलाई 2023 का दिन काफी अहम माना जा रहा था, क्योंकि इसी दिन गुजरात हाई कोर्ट से उनके भविष्य को लेकर बड़ा फैसला आना था. कांग्रेस समर्थकों को उम्मीद थी कि उनकी सजा को लेकर कोर्ट की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि हाई कोर्ट ने भी सेशन कोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा है. ऐसे में राहुल गांधी की दो साल की सजा अब भी जारी रहेगी. यानी उनकी लोकसभा सदस्यता को लेकर जो अटकलें चल रही थी उसके मुताबिक अब इसे बचाना काफी मुश्किल हो गया है.
क्या है पूरा मामला
पूरे मामले की बात करें तो ये चार वर्ष पुरानी बात है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक रैली के दौरान मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसी टिप्पणी के आधार पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया था.
अब 4 साल बाद इस मामले में 23 मार्च को सूरत की सेशन कोर्ट ने सुनवाई के बाद अहम फैसला सुनाया. इसके तहत राहुल गांधी को 3 वर्ष की सजा सुनाई गई. इस सजा के आधार पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी.
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कोर्ट ने क्या दिया तर्क
राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखने को लेकर हाई कोर्ट की ओर से जो तर्क दिया गया उसके मुताबिक, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत पृच्छक की पीठ ने राहुल गांधी की मामला खारिज किए जाने की याचिका को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि, अपीलकर्ता पूरी तरह अस्तित्वहीन आधार पर राहत तलाश रहे हैं. ऐसे में निचली अदालत के फैसले को ही बरकरार रखा जाता है.
यही नहीं हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि, ये सिद्धांत है कि सेशन कोर्ट के दोषि सिद्धि के निर्णय पर रोक लगाने का कोई रूल नहीं है. हालांकि अपवाद जरूर है, लेकिन इसका सहारा सिर्फ दुर्लभ मामलों में ही लिया जाना चाहिए. इस केस में ऐसा कुछ भी नहीं है.
HIGHLIGHTS
- राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका
- मोदी सरनेम मामले में उच्च न्यायालय ने खारिज की कांग्रेस नेता की याचिका
- निचली अदालत के दो साल की सजा के फैसले को रखा बरकरार
Source : News Nation Bureau