Advertisment

गुजरात दंगा: SIT के नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चीट पर फैसला आज, जाकिया जाफरी की है याचिका

गुजरात हाईकोर्ट सोमवार को 2002 के गुजरात दंगे मामले पर जाकिया जाफरी के द्वारा डाली गई याचिका पर फैसला सुना सकता है।

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
गुजरात दंगा: SIT के नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चीट पर फैसला आज, जाकिया जाफरी की है याचिका

जाकिया जाफरी (फाइल फोटो)

गुजरात हाईकोर्ट सोमवार को 2002 के गुजरात दंगे मामले पर जाकिया जाफरी की ओर से डाली गई याचिका पर फैसला सुना सकता है।

Advertisment

दरअसल, 2002 दंगों में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य को SIT से मिले क्लीनचीट पर निचली अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन फैसला उनके पक्ष में नहीं आया। 

इसके बाद जाकिया जाफरी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर फैसले 9 अगस्त को ही आने वाला था, लेकिन जस्टिस सोनिया गोकानी ने इसे 21 अगस्त तक बढ़ा दिया, जो मामले की सुनवाई कर रही थी।

हाई कोर्ट में इस मामले पर 3 जुलाई को सुनवाई पूरी हो चुकी है। न्यायालय ने जाफरी और सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस एनजीओ की कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के द्वारा डाली गई आपराधिक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की है।

Advertisment

इस याचिका में एसआईटी के द्वारा दिए गए क्लीन चिट और निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। जाफरी ने 2002 दंगों को कथित तौर पर बड़ी आपराधिक साजिश बताया गया है।

याचिकाकर्ता ने पूरे मामले में एक नई जांच की मांग की हैं। याचिका में दंगे के पीछे नरेन्द्र मोदी और 59 अन्य को आपराधिक साजिश के चार्ज पर आरोपी बनाए जाने की मांग की गई है।

और पढ़ें: सृजन घोटाला: लालू ने पूछा, रिपोर्ट दबाकर किसे फायदा पहुंचा रहे हैं नीतीश, DM के तबादले पर उठाए सवाल

Advertisment

आपको बता दें कि 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में एक भीड़ के द्वारा एहसान जाफरी सहित कुल 68 लोग मारे गए थे।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान, एसआईटी ने कोर्ट के सामने रिपोर्ट सौंपा कि निचली अदालत जब पहली बार मामले की सुनवाई कर रही थी, तो आरोपों के सभी पहलुओं को देखा गया था। इसलिए मामले को बड़ी साजिश के दृष्टिकोण से जांच करने की जरूरत नहीं है।

जाकिया के वकील मिहिर देसाई ने कोर्ट को कहा कि जिस न्यायाधीश ने एसआईटी के क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया, उसने न ही रिपोर्ट को खारिज करने पर विचार किया और न ही नई जांच को लेकर आदेश दिए।

Advertisment

वकील ने कहा कि निचली अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की भी अवहेलना की और साथ ही गवाहों के हस्ताक्षर किए गए बयानों पर विचार- विमर्श नहीं किया, जो घटना के पीछे की बड़ी साजिश को सूचित कर रहा था।

एसआईटी ने 8 फरवरी 2012 को एक क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी, जिसमें नरेन्द्र मोदी और 59 अन्य को क्लीन चिट मिली थी। फिर निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट पर मुहर लगा दी थी।

दिसम्बर 2013 में एक महानगरीय अदालत ने जाफरी की मोदी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद वह 2014 में गुजरात हाई कोर्ट का रुख की थी।

Advertisment

पिछले 15 वर्षों से गुजरात दंगों और अपने पति की हत्या के खिलाफ लड़ाई लड़ रही जाफरी ने अपने शिकायत में राजनेताओं के अलावा नौकरशाहों, पुलिस और कई निजी लोगों के नाम दर्ज करवाए थे। जिसमें नरेन्द्र मोदी का भी नाम शामिल था।

और पढ़ें: यूपी: पुलिस कॉन्सटेबल ने नाबालिग के साथ किया गैंगरेप, सदमे से पिता की मौत

HIGHLIGHTS

  • एसआईटी ने 8 फरवरी 2012 को एक क्लोजर रिपोर्ट फाइल की थी
  • 2002 दंगों में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी है जाकिया जाफरी
  • जाफरी ने 2002 दंगों को कथित तौर पर बड़ी आपराधिक साजिश करार दी थी

Source : News Nation Bureau

Gulbarg Society Gujarat riots Ehsan Jafri Teesta Setalvad Narendra Modi Gujarat Riots 2002 gujarat-high-court gujarat Zakia Jafri PM modi
Advertisment
Advertisment